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अवलोकन

NVS या नवोदय विद्यालय समिति, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करती है। यह मुख्य रूप से ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले असाधारण प्रतिभाशाली बच्चों को, उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किये बिना, उच्च गुणवत्तायुक्त समसामयिक शिक्षा प्रदान करने, सांस्कृतिक तत्त्वों को सम्मिलित करते हुए मूल्यों की स्थापना, पर्यावरण जागरूकता, साहसिक गतिविधियाँ और शारीरिक शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध है। देशभर में स्थापित जवाहर नवोदय विद्यालयों में ‘प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक’ (TGT) व ‘स्नातकोत्तर शिक्षक’ (PGT) पदों हेतु भर्ती परीक्षाएँ ‘नवोदय विद्यालय समिति’ (NVS) द्वारा आयोजित कराई जाती हैं।




परीक्षा पद्धति (एग्ज़ाम पैटर्न)

  • NVS परीक्षा कंप्यूटर-आधारित परीक्षण (CBT) मोड में आयोजित की जाती है। परीक्षाओं के सभी प्रश्न ‘बहुविकल्पीय प्रश्न’ (MCQ) होते हैं, प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प होते हैं, जिनमें से एक को सबसे उपयुक्त उत्तर माना जाएगा। प्रत्येक प्रश्न के लिये 1 अंक निर्धारित है और प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 1/4 अंक (0.25 अंक) का ऋणात्मक अंकन किया जाता है।
  • TGT और PGT दोनों पदों हेतु परीक्षाओं में 1-1 पेपर होता है, जिसे छह भागों में विभक्त किया गया है।
  • दोनों प्रश्नपत्रों में, भाग- I से IV सामान्य प्रश्न होंगे और भाग-V विषय-विशिष्ट होगा।
  • भाग-VI अर्हक (Qualifying) प्रकृति का होता है और अभ्यर्थी पाठ्यक्रम में उल्लिखित 19 भाषाओं में से सामान्य हिंदी व सामान्य अंग्रेज़ी तथा केवल TGT परीक्षा हेतु किसी भी एक क्षेत्रीय भाषा का चयन कर सकते हैं।
  • प्रत्येक पेपर के लिये निर्धारित समय 3 घंटे का है।

नोट:  यदि कोई अभ्यर्थी भाग-VI में अर्हक अंक प्राप्त करने में विफल रहता है तो भाग-I से V तक का मूल्यांकन नहीं किया जाता है। ध्यातव्य है कि भाग-VI के अंतर्गत प्रत्येक भाषा में 40% अंक प्राप्त करना अर्ह होने के लिये अनिवार्य है।


NVS प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT)
परीक्षा परीक्षा के घटक प्रश्नों की संख्या कुल अंक परीक्षा की अवधि
भाग-I सामान्य जागरूकता 10 10 3 घंटे (परीक्षा के प्रत्येक भाग के लिये कोई अलग-अलग समय सीमा निर्धारित नहीं)
भाग-II तार्किक योग्यता 10 10
भाग-III आईसीटी(ICT) का ज्ञान 10 10
भाग-IV शिक्षण अभिवृत्ति 10 10
भाग-V विषय विशिष्ट पाठ्यक्रम:
कठिनाई स्तर- स्नातक

  1. आलोचनात्मक और रचनात्मक शिक्षण आधारित प्रश्नों की समझ।
  2. अनुभवात्मक गतिविधि-आधारित शिक्षाशास्त्र और केस स्टडी-आधारित प्रश्न।
  3. NEP-2020
  4. खेलो इंडिया और फिट इंडिया प्रोग्राम (केवल शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के लिये)
80 80
कुल 120 120
भाग-VI भाषा योग्यता - सामान्य हिंदी, सामान्य अंग्रेज़ी एवं क्षेत्रीय भाषा (प्रत्येक भाषा से 10 प्रश्न 10 अंक)।
यह भाग प्रत्येक भाषा में न्यूनतम 40% अंकों के साथ केवल अर्हक प्रकृति का है। यदि उम्मीदवार भाग-VI में अर्हक अंक प्राप्त करने में विफल रहता है, तो उसके भाग-I से V तक का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।
30 30

NVS स्नातकोत्तर शिक्षक (PGT)
परीक्षा परीक्षा के घटक प्रश्नों की संख्या कुल अंक परीक्षा की अवधि
भाग-I सामान्य जागरूकता 10 10 3 घंटे (परीक्षा के प्रत्येक भाग के लिये कोई अलग-अलग समय सीमा निर्धारित नहीं)
भाग-II तार्किक योग्यता 20 20
भाग-III आईसीटी(ICT) का ज्ञान 10 10
भाग-IV शिक्षण अभिवृत्ति 10 10
भाग-V विषय विशिष्ट पाठ्यक्रम:
  1. आलोचनात्मक और रचनात्मक शिक्षण आधारित प्रश्नों की समझ।
  2. अनुभवात्मक गतिविधि-आधारित शिक्षाशास्त्र और केस स्टडी-आधारित प्रश्न।
  3. NEP-2020
80 80
कुल 130 130
भाग-VI भाषा योग्यता - सामान्य हिंदी, सामान्य अंग्रेज़ी (प्रत्येक भाषा से 10 प्रश्न 10 अंक)।
यह भाग प्रत्येक भाषा में न्यूनतम 40% अंकों के साथ केवल अर्हक प्रकृति का है। यदि उम्मीदवार भाग-VI में अर्हक अंक प्राप्त करने में विफल रहता है, तो उसके भाग-I से V तक का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।
20 20

रणनीति एवं पाठ्यक्रम

सफलता को लक्ष्य बनाने वाले विद्यार्थियों के लिये एक व्यवस्थित परीक्षा-पूर्व दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है, जो समय प्रबंधन, विषयों की प्राथमिकता, तनाव में कमी और संसाधनों के इष्टतम उपयोग जैसे पहलुओं को ध्यान मे रखकर तैयार किया जाता है। यह रणनीति समय के तर्कपूर्ण विभाजन की सुविधा प्रदान करती है, जिससे परीक्षा के विभिन्न अनुभागों पर संतुलित रूप से ध्यान दिया जा सकता है। प्रमुख विषयों को प्राथमिकता देते हुए, यह विद्यार्थियों को परीक्षा पद्धति से परिचित करवाकर तनावमुक्त रखने में मदद करता है। यह दृष्टिकोण संसाधनों के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करता है तथा लक्ष्य-निर्धारण और अनुकूल पद्धतियों के माध्यम से आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है। कुल मिलाकर, यह रणनीति विद्यार्थियों को आत्मविश्वास के साथ परीक्षा देने हेतु सशक्त बनाती है, जिससे विभिन्न परीक्षा परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता में वृद्धि होती है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने NVS परीक्षा प्रश्नपत्र के सभी भागों के लिये व्यापक रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की है। हमारा विश्वास है कि इन रणनीतियों को अपनाकर, परीक्षार्थी अधिक-से-अधिक अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करने की अपनी संभावना में वृद्धि कर सकते हैं।

NVS TGT NVS PGT

NVS प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT)

TGT अध्यापक परीक्षा प्रश्नपत्र के भाग- I से IV का पाठ्यक्रम सभी विषयों के अभ्यर्थियों के लिये एक समान होगा। भाग- V का पाठ्यक्रम विषय विशिष्ट से संबंधित है। विषय विशिष्ट के प्रश्नों का कठिनाई स्तर स्नातक स्तर तक का होगा। NVS TGT परीक्षा के लिये एक रणनीतिक योजना बनाने के लिये पाठ्यक्रम की व्यापक समझ की आवश्यकता होती है।

प्रत्येक अनुभाग के लिये विस्तृत अनुभाग-वार रणनीति निम्नलिखित है :

भाग- I: सामान्य जागरूकता

इस भाग में विस्तृत एवं विविधतापूर्ण विषयवस्तु सम्मिलित है, इसलिये पाठ्यक्रम में लिखे गए महत्त्वपूर्ण बिंदुओं और विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों में उनकी आवृत्ति को ध्यान में रखते हुए तैयारी की रणनीति बनानी होगी। भारतीय इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था और सामान्य विज्ञान जैसे विषयों पर ध्यान दें। NCERT पुस्तकों के प्रासंगिक भागों की समीक्षा करें, विशेष रूप से उस विषय से संबंधित भागों की समीक्षा करें जिसके लिये आप आवेदन कर रहे हैं। अच्छे अंक प्राप्त करने तथा इस अनुभाग की बेहतर तैयारी के लिये, आप अपनी अध्ययन सामग्री में 'दृष्टि पब्लिकेशन्स की सामान्य जागरूकता (दृष्टि G.K.) की पुस्तक और वन डे मैजिक सीरीज़' जैसी प्रामाणिक पुस्तकों को सम्मिलित कर सकते हैं। शिक्षा, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से संबंधित नवीनतम जानकारियों के लिये आपको दैनिक समाचार पत्रों या किसी प्रामाणिक वेबसाइट या पत्रिका के माध्यम से विषयवस्तु और बहुविकल्पीय प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। परीक्षा पैटर्न को समझने के लिये विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करें। बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों और उनके विषयों की पहचान करें।

भाग- II: तार्किक योग्यता

इस भाग की तैयारी के लिये आप विभिन्न प्रामाणिक पुस्तकों की सहायता ले सकते हैं। इस खंड में प्रश्नों को समयबद्ध तरीके से हल करना अधिक महत्त्वपूर्ण है। शाब्दिक और गैर-शाब्दिक तर्क वाले अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें। नियमित अभ्यास के माध्यम से संख्यात्मक योग्यता जैसे खंडों में सुधार करें। परीक्षा में निर्धारित समय सीमा के अंदर तर्क संबंधी प्रश्नों को हल करने हेतु समय प्रबंधन कौशल पर कार्य करने के साथ प्रश्नों का अधिक-से-अधिक अभ्यास करें।

भाग- III: आईसीटी(ICT) का ज्ञान

कंप्यूटर के आधारभूत ज्ञान, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, नेटवर्किंग तथा सूचना और संचार (ICT) आदि जैसे परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण एवं विशिष्ट विषयों की पहचान करें। आईसीटी(ICT) के क्षेत्र में हुई नवीनतम प्रगति/अन्वेषणों से अवगत रहें। सैद्धांतिक ज्ञान को सुदृढ़ करने के लिये कंप्यूटर अनुप्रयोगों और उपकरणों का उपयोग करने का अभ्यास करें। एप्लीकेशन सॉफ्टवेर जैसे- एम. एस. वर्ड आदि से संबंधित व्यावहारिक समस्याओं को हल करने का निरंतर अभ्यास करें। आईसीटी से संबंधित परीक्षा प्रश्नों के पैटर्न को समझने के लिये विगत वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करें। उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां आपको अधिक अभ्यास और पुनरीक्षण की आवश्यकता है। अपनी अध्ययन योजना में आईसीटी की तैयारी के लिये भी समय निर्धारित करें।

भाग- IV: शिक्षण अभिक्षमता

इस परीक्षा का यह खंड अभ्यर्थियों की शिक्षण पद्धतियों और शैक्षिक अवधारणाओं की समझ का परीक्षण करता है। इसलिये सभी अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित है कि वे बाल मनोविज्ञान, कक्षा प्रबंधन और संचार कौशल पर ध्यान दें। शैक्षणिक विधि और शिक्षण अधिगम की प्रक्रियाओं से स्वयं को अद्यतित करें। आलोचनात्मक तर्क कौशल और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करें। मॉक टेस्ट और विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों से अभ्यास करें। अपने प्रदर्शन का निरंतर विश्लेषण करें और उन क्षेत्रों की पहचान करें जिनमें सुधार की आवश्यकता है।

भाग-V: विषय-विशिष्ट (Domain Subject)

अपने विषय में मूलभूत अवधारणाओं और सिद्धांतों की स्पष्ट समझ सुनिश्चित करें। NVS TGT परीक्षा परिणामों की सफलता सूची में अपना नाम सुनिश्चित करने के लिये विषय विशिष्ट का ज्ञान निर्णायक कारक है। यह एक प्रतियोगी परीक्षा है, इसलिये अभ्यर्थियों के लिये प्रामाणिक पुस्तकों का समय पर अध्ययन करना और संबंधित विषयों के बहुविकल्पीय प्रश्नों(MCQs) का प्रतिदिन अभ्यास करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, विगत वर्ष के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करना भी महत्त्वपूर्ण है ताकि आप प्रश्नपत्र के पैटर्न को समझ सकें और यह निर्धारित कर सकें कि कौन सा टॉपिक परीक्षा की दृष्टि से अधिक प्रासंगिक व महत्त्वपूर्ण है। किसी भी संदेह या अस्पष्ट अवधारणा के लिये प्रामाणिक पाठ्यपुस्तकों, ऑनलाइन संसाधनों या विषय विशेषज्ञों की सहायता लें। प्रत्येक विषय को उसके महत्त्व और जटिलता के अनुसार समय आवंटित करें। चुने गए विषय से संबंधित NCERT पाठ्यपुस्तकों का गहन अध्ययन करें। त्वरित रिवीज़न के लिये संक्षिप्त सारांश नोट्स तैयार करें। रिवीज़न प्रक्रिया के दौरान अपने कमज़ोर पक्षों पर अधिक ध्यान दें।

भाग- VI: भाषायी योग्यता परीक्षण

भाषायी योग्यता परीक्षा [हिंदी, अंग्रेज़ी और क्षेत्रीय भाषा (यदि लागू हो)] के लिये प्रश्नों का स्तर बुनियादी प्रकृति (दसवीं कक्षा के स्तर तक) का होगा। उल्लेखनीय है की अभ्यर्थी निम्नलिखित 19 भाषाओं में से किसी एक क्षेत्रीय भाषा का चयन कर सकते हैं : असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, बोडो, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, गारो, खासी, मिज़ो तथा अंग्रेज़ी। हालाँकि, जो लोग इन दो भाषाओं में से किसी एक का क्षेत्रीय भाषा/मातृभाषा के रूप में चयन करेंगे , उनके लिये अंग्रेज़ी और हिंदी का स्तर सामान्य अंग्रेज़ी और सामान्य हिंदी के स्तर से अधिक होगा। यह भाग प्रत्येक भाषा में न्यूनतम 40% अंकों के साथ केवल अर्हक (Qualifying) प्रकृति का है, इसलिये यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है कि इसे क्वालीफाई किये बिना किसी भी अन्य सेक्शन पर विचार नहीं किया जाएगा। अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों विषयों में व्याकरण, शब्दावली और पठन कौशल को मज़बूत करना महत्त्वपूर्ण है। इसके लिये भाषायी दक्षता और भाषायी योग्यताओं पर ध्यान दें और प्रतिदिन अधिक से अधिक प्रश्नों का अभ्यास करें।




NVS TGT का विस्तृत पाठ्यक्रम निम्नलिखित है:


NVS TGT के लिये सामान्य विषय
क्र. विषय Number of विषय-वार पाठ्यक्रम  
1. तार्किक योग्यता पहेलियाँ और बैठक व्यवस्था, आँकड़ों की पर्याप्तता(DI), कथन आधारित प्रश्न (मौखिक तर्क), असमानता, रक्त संबंध, अनुक्रम और शृंखला, दिशा परीक्षण, अभिकथन और कारण, वेन आरेख।
2. संख्यात्मक योग्यता संख्या प्रणाली, साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज, सरलीकरण/अनुमान, समय और कार्य, औसत और आँकड़ों की व्याख्या।
3. सामान्य जानकारी करेंट अफेयर्स, जिसमें शैक्षिक विषयों से संबंधित नवीनतम जानकारियाँ अधिक महत्त्वपूर्ण हैं ।
4. भाषायी योग्यता परीक्षा (सामान्य अंग्रेज़ी और सामान्य हिंदी) General English: Reading Comprehension, Cloze Test, Sentence Improvement, Spotting the errors, Sentence Rearrangement and Synonyms/Antonyms.
सामान्य हिंदी: संधि, समास, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, सामान्य अशुद्धियाँ, वाक्यांशों के लिये एक शब्द, मुहावरे-लोकोक्तियाँ, अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्न
19 क्षेत्रीय भाषाओं के लिये भाषायी योग्यता परीक्षा (भाग-VI) (केवल TGT/ विविध श्रेणी के शिक्षकों के लिये) : प्रश्न संबंधित क्षेत्रीय भाषा के विषयों पर आधारित हो सकते हैं।
नोट : भाषायी योग्यता परीक्षा [हिंदी, अंग्रेज़ी और क्षेत्रीय भाषा (यदि लागू हो)] के लिये प्रश्नों का स्तर बुनियादी प्रकृति (दसवीं कक्षा के स्तर तक) का होगा।
5. सूचना व संचार प्रौद्योगिकी(ICT) का ज्ञान कंप्यूटर विषय का आधारभूत ज्ञान , ऑपरेटिंग सिस्टम की सामान्य जानकारी, एम. एस. ऑफिस, की बोर्ड शॉर्टकट और उनके उपयोग, कंप्यूटर से संबंधित महत्त्वपूर्ण शब्दावली और शब्द संक्षेप(Abbreviations), कंप्यूटर नेटवर्क, साइबर सुरक्षा और इंटरनेट।
6. शिक्षण अभिक्षमता शिक्षण-प्रकृति, विशेषताएँ, उद्देश्य और बुनियादी आवश्यकताएँ, शिक्षार्थी की विशेषताएँ, शिक्षण को प्रभावित करने वाले कारक, शिक्षण के तरीके, शिक्षण सहायक सामग्री और मूल्यांकन प्रणाली।
नोट : प्रश्नों की जटिलता का स्तर पद (TGT/PGT) के अनुसार भिन्न-भिन्न होगा।

विषय-वार पाठ्यक्रम निम्नलिखित है

हिंदी
गद्य साहित्य :

  • हिंदी साहित्य का उद्भव, विकास एवं गद्य साहित्य की विधाएँ
  • उपन्यास पर आधारित प्रश्न
  • कहानी पर आधारित प्रश्न
  • नाटक/एकांकी पर आधारित प्रश्न
  • निबंध पर आधारित प्रश्न
  • यात्रा-वृत्तांत पर आधारित प्रश्न
  • संस्मरण/रेखाचित्र पर आधारित प्रश्न
  • आत्मकथा/जीवनी पर आधारित प्रश्न
  • रिपोर्ताज़ पर आधारित प्रश्न

काव्य भाग :

  • हिंदी काव्य का विकास
  • आदिकालीन काव्य पर प्रश्न
  • भक्तिकालीन काव्य पर प्रश्न : निर्गुण काव्य, सगुण काव्य तथा सूफी काव्य
  • रीतिकालीन काव्य पर प्रश्न
  • आधुनिककालीन काव्य पर प्रश्न
  • भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, समकालीन कविता

हिंदी भाषा का विकास एवं व्यावहारिक व्याकरण:

  • हिंदी भाषा का विकास, इसकी उप-भाषाएँ एवं बोलियाँ
  • देवनागरी लिपि एवं उसका विकास
  • वर्ण विचार- (उच्चारण, वर्तनी एवं संधि)
  • शब्द विचार और शब्द रचना (पर्यायवाची, विलोम, अनेकार्थक, श्रुति-समभिन्नार्थक शब्द इत्यादि)
  • विकारी शब्द, अविकारी शब्द
  • वाक्य रचना : (रचना और अर्थ के आधार पर, पद परिचय)
  • अलंकार
  • शब्द - शक्तियाँ
  • मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
  • अपठित गद्यांश/पद्यांश
  • संविधान में हिंदी की स्थिति (संपर्क भाषा हिंदी, प्रयोजनमूलक हिंदी, कार्यालय हिंदी, मानक हिंदी)

English
Reading Comprehension (Section – A)

Ability to Comprehend, Analyse and Interpret an Unseen Text

Three/four unseen texts of varying lengths (150-250 words) with a variety of objective type, multiple choice questions (including questions to test vocabulary) testing factual and global comprehension.

Writing Ability (Section – B)

  • Testing ability to express facts, views/opinions in a coherent and logical manner in a style suitable to the task set.
  • One short writing task such as: notice, message or a postcard.
  • Writing a report of an event, process, or place.
  • Writing an article/debate/speech based on visual /verbal input on a given concurrent topic for e.g. environment, education, child labour, gender bias, drug-abuse etc presenting own views fluently.
  • Writing a letter (formal/informal) on the basis of verbal/visual input. Letter types include: (a) letter to the editor; (b) letter of complaint; (c) letter of request; (d) descriptive, personal letters.

Grammar and Usage (Section – C)

Ability to apply the knowledge of syntax, language/grammatical items and to use them accurately in context. The following grammatical structures will be tested:

  1. Tenses
  2. Modals
  3. Voice
  4. Subject – Verb Concord
  5. Connectors
  6. Clauses
  7. Parts of speech
  8. Punctuation
  9. Sequencing to form a coherent sentence or a paragraph

Literature (Section – D)

  • To test the candidate’s familiarity with the works of writers of different genres and periods of English Literature.
  • The candidate should have a thorough knowledge of: -
  • Shakespeare’s Works.
  • Romantic Period (e.g. Shelley, Wordsworth, Keats, Coleridge, Byron etc.)
  • 19th & 20th Century American and English Literature (e.g. Robert Frost Hemingway, Ted Hudges, Whitman, Hawthorne, Emily Dickinson, Bernard Shaw etc.)
  • Modern Indian Writing in English (e.g. Anita Desai, Vikram Seth, Nissim Ezekiel, K.N. Daruwala, Ruskin Bond, R.K. Narayan, Mulk Raj Anand, Khushwant Singh etc.)
  • Modern Writings in English from different parts of the world.

गणित

वास्तविक संख्याएँ :

प्राकृतिक संख्याओं, पूर्णांकों, परिमेय संख्याओं का संख्या रेखा पर निरूपण। क्रमिक आवर्धन के माध्यम से संख्या रेखा पर सांत/असांत आवर्ती दशमलवों का निरूपण।

आवर्ती/सांत दशमलव के रूप में परिमेय संख्याएँ। अनावर्ती/असांत दशमलव के उदाहरण। अपरिमेय संख्याओं का अस्तित्व और संख्या रेखा पर उनका निरूपण। यह समझाएँ कि प्रत्येक वास्तविक संख्या को संख्या रेखा पर एक विशिष्ट बिंदु द्वारा दर्शाया जाता है और इसके विपरीत, संख्या रेखा पर प्रत्येक बिंदु एक विशिष्ट वास्तविक संख्या को दर्शाता है।

पूर्णांकों की घात तथा घातांक के नियम। धनात्मक वास्तविक आधारों वाले परिमेय घातांक। वास्तविक संख्याओं का परिमेयकरण। यूक्लिड का विभाजन प्रमेय, अंकगणित की आधारभूत प्रमेय। सांत/असांत आवर्ती दशमलव के संदर्भ में परिमेय संख्याओं का विस्तार।

मूलभूत संख्या सिद्धांत :

  • पीयानो के अभिगृहीत, प्रेरण का सिद्धांत : पहला सिद्धांत, दूसरा सिद्धांत, तीसरा सिद्धांत, मूल प्रतिनिधित्व प्रमेय, सबसे बड़ा पूर्णांक फलन, विभाज्यता का परीक्षण, यूक्लिड का एल्गोरिथ्म, अद्वितीय गुणनखंडन प्रमेय, सर्वांगसमता, चाइनीज शेषफल प्रमेय, किसी संख्या के विभाजकों का योग। यूलर का टोशिएंट (Totient) फंक्शन, फॉर्मेट और विल्सन के प्रमेय।

आव्यूह :

  • R पर सदिश समष्टि के रूप में R1, R2, R3 और Rn की अवधारणा तथा उनमें से प्रत्येक के लिये मानक आधार। रैखिक स्वतंत्रता और विभिन्न आधारों के उदाहरण। R2, R3 के उपस्थान। एक बिंदु, रेखा और तल में ट्रांसलेशन, फैलाव, घूर्णन और परावर्तन। मूलभूत ज्यामितीय परिवर्तनों का आव्यूह रूप। आव्यूहों में रैखिक रूपांतरणों के लिये eigenvalues और eigenvectors की व्याख्या तथा अपरिवर्तनीय उप-स्थानों के रूप में eigenspaces। विकर्ण आव्यूह। 3 कोटि तक के आव्यूह का विकर्ण आव्यूह में परिवर्तन। प्रारंभिक पंक्ति संक्रियाओं का उपयोग करके आव्यूह व्युत्क्रमों की गणना। आव्यूह की रैंक, आव्यूहों का उपयोग करके रैखिक समीकरणों के निकाय का हल ।

बहुपद :

  • एक चर वाले बहुपद की परिभाषा, इसके गुणांक, उदाहरण और प्रतिउदाहरण सहित, उसके पद, शून्य बहुपद। एक बहुपद की घात, अचर, रैखिक, द्विघात, त्रिघाती बहुपद, एकपद, द्विपद और त्रिपद। गुणनखंड और गुणज। बहुपद/समीकरण के शून्य/मूल। पूर्णांकों की सादृस्यता तथा उदाहरण सहित शेषफल प्रमेय। गुणनखंड प्रमेय का कथन और प्रमाण। गुणनखंड प्रमेय का उपयोग करके द्विघात और त्रिघात बहुपदों का गुणनखंडन। बीजगणितीय अभिव्यक्तियाँ और सर्वसमिकाएँ तथा बहुपदों के गुणनखंडन में उनका उपयोग। इन बहुपदों के लिये सरल व्यंजक।

दो चर वाले रैखिक समीकरण :

  • दो चरों वाले समीकरण का परिचय। यह सिद्ध करें कि दो चर वाले एक रैखिक समीकरण के अनंत हल होते हैं और उन्हें वास्तविक संख्याओं, बीजगणितीय और आलेखीय समाधानों के क्रमित युग्म के रूप में लिखे जाने का कारण बताएँ।

दो चरों वाले रैखिक समीकरणों का युग्म :

  • दो चरों में रैखिक समीकरणों का युग्म। समाधान/असंगतता की विभिन्न संभावनाओं का ज्यामितीय निरूपण। समाधानों के लिये बीजगणितीय शर्तें। दो चरों वाले रैखिक समीकरणों के एक युग्म का बीजगणितीय हल - प्रतिस्थापन , विलोपन और क्रॉस गुणन विधि द्वारा।

द्विघातीय समीकरण :

  • द्विघात समीकरण का मानक रूप। द्विघात सूत्र का उपयोग करके द्विघात समीकरणों का हल (केवल वास्तविक मूल)- गुणनखंड विधि द्वारा तथा पूर्ण वर्ग विधि द्वारा। विभेदक और मूलों की प्रकृति के बीच संबंध। मूलों और गुणांकों के बीच संबंध, समीकरण के मूलों के सममित फलन । उभनिष्ठ मूल।

समांतर श्रेणी :

  • nवें पद और पहले n पदों का योग ज्ञात करने के मानक परिणामों की व्युत्पत्ति।

असमानताएँ :

  • प्राथमिक असमानताएँ, निरपेक्ष मान, माध्यों(Means) की असमानता, कॉची-श्वार्ज़(Cauchy – Schwarz) असमानता, चेबीशेफ(Chebycheff's) असमानता।

कॉम्बिनेटोरिक्स (Combinatorics) :

  • समावेशन और बहिष्करण का सिद्धांत, पिजनहोल(Pigeonhole) सिद्धांत, पुनरावृत्ति संबंध, द्विपद गुणांक।

कलन (Calculus) :

  • समुच्चय, फलन और उनके ग्राफ : बहुपद, ज्या, कोज्या, घातांकीय और लघुगणकीय फलन। सीढ़ी फलन(Step function) , सीमाएँ और निरंतरता। विभेदन, विभेदन की विधियाँ जैसे शृंखला नियम, उत्पाद नियम और भागफल नियम। उपर्युक्त फलनों(Functions) का द्वितीय क्रम अवकलज (Second order derivatives) । अवकलन के विपरीत प्रक्रम के रूप में समाकलन । उपर्युक्त फलनों के समाकलन।

यूक्लिडियन ज्यामिति :

  • अभिगृहीत(Axioms)/अभिधारणाएँ और प्रमेय। यूक्लिड की पाँच अभिधारणाएँ। पाँचवी अभिधारणा के समतुल्य संस्करण। अभिगृहीत और प्रमेय के बीच संबंध। प्रमेय, रेखाएँ और कोण, त्रिभुज और चतुर्भुज, समांतर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफलों पर प्रमेय, वृत्त, वृत्तों पर प्रमेय, समरूप त्रिभुज, समरूप त्रिभुजों पर प्रमेय। ज्यामिति रचनाएँ ।
  • सेवा(Ceva’s) का प्रमेय, मेनेलॉस(Menelaus) प्रमेय, नाइन पॉइंट सर्कल, सिमसन(Simson’s) रेखा, दो वृत्तों की समानता के केंद्र, लेहमस स्टीनर प्रमेय, टॉलेमी का प्रमेय।

निर्देशांक ज्यामिति :

  • कार्तीय तल, एक बिंदु के निर्देशांक, दो बिंदुओं के बीच की दूरी और विभाजन सूत्र, त्रिभुज का क्षेत्रफल।

क्षेत्रफल और आयतन :

  • हेरॉन(Heron's) के सूत्र का उपयोग करके एक त्रिभुज का क्षेत्रफल और एक चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने में इसका अनुप्रयोग। घनों, घनाभों, गोले (अर्द्धगोला सहित) और लंब वृत्तीय बेलन/शंकुओं का सतह क्षेत्रफल और आयतन। एक शंकु का छिन्नक। वृत्त का क्षेत्रफल : वृत्त के त्रिज्यखंडों और वृत्तखंडों का क्षेत्रफल।

त्रिकोणमिति :

  • समकोण त्रिभुज के न्यून कोण का त्रिकोणमितीय अनुपात। अनुपातों के बीच संबंध। त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ। पूरक कोणों का त्रिकोणमितीय अनुपात। ऊँचाई और दूरियाँ।

सांख्यिकी

  • सांख्यिकी का परिचय : डेटा का संग्रह, डेटा की प्रस्तुति, सारणीबद्ध रूप, असमूहीकृत/समूहीकृत, बार ग्राफ, हिस्टोग्राम, आवृत्ति बहुभुज, एकत्रित डेटा की सही रूप में प्रस्तुति के लिये डेटा का गुणात्मक विश्लेषण। अवर्गीकृत डेटा का माध्य, माध्यिका और मोड। समूहीकृत डेटा का माध्य, माध्यिका और मोड। संचयी आवृत्ति ग्राफ।

प्रायिकता

  • प्रायिकता और मूलभूत सिद्धांत। असतत और सतत यादृच्छिक चर, गणितीय अपेक्षा, द्विपद का माध्य और प्रसरण, पॉइसन और सामान्य वितरण। सैम्पल माध्य और सैम्पलिंग वेरिएंस। मानक सामान्य चर का उपयोग करके परिकल्पना परीक्षण। कर्व फिटिंग। सहसंबंध और समाश्रयण(Regression)।

सामाजिक विज्ञान

इतिहास

  • समसामयिक विश्व
    • औद्योगिक क्रांति
    • आर्थिक मंदी
    • श्रमिक और किसान वर्ग के मुद्दे
    • बीसवीं सदी में भारत में उद्योगों का विकास
    • भारत में औपनिवेशिक समाज की विशेषताएँ
    • फ्राँसीसी क्रांति - कारण, घटनाक्रम, प्रभाव, परिणाम
    • 1857 का विद्रोह
    • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम - 1885 से 1947 तक
    • रूसी क्रांति - 1917, कारण, घटनाएँ, रूस और शेष विश्व पर प्रभाव, परिणाम
  • समाजवाद का उदय
    • कार्ल मार्क्स का दर्शन
    • यूरोप में समाजवाद
    • समाजवाद का प्रभाव
  • जर्मनी और इटली में फासीवादी ताकतों का उदय।
  • दो विश्व युद्ध और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना।

भूगोल

  • सौरमंडल का परिचय, पृथ्वी की उत्पत्ति।
  • पृथ्वी की गतियाँ : परिक्रमण, परिभ्रमण, दिन और रात का होना, ऋतुओं का परिवर्तन, अक्षांश और देशांतर, समय निर्धारण।
  • पृथ्वी का आंतरिक भाग : महाद्वीपों और महासागरीय घाटियों की उत्पत्ति, वेगनर का महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत, प्लेट टेक्टोनिक्स(विवर्तनिकी) सिद्धांत, भूकंप और ज्वालामुखी, वलन और भ्रंशन ।
  • चट्टानें और खनिज : चट्टानों के प्रकार, मिट्टी का निर्माण, प्रमुख प्रकार एवं विशेषताएँ।
  • तल संतुलन/उन्नयन(Gradation) के कारक: अपक्षय, बड़े पैमाने पर बर्बादी, बहता पानी, वायु, ग्लेशियर, समुद्री लहरें और कार्स्ट स्थलाकृति।
  • जलवायु
  • वायुमंडल : संरचना और संगठन, मौसम और जलवायु के तत्व, सूर्यातप : ऊष्मा बजट, वायुमंडल का तापन और शीतलन, चालन, संवहन, सौर विकिरण, पार्थिव विकिरण, अभिवहन, तापमान, तापमान को नियंत्रित करने वाले कारक, तापमान का क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर वितरण।
  • दाब : दाब कटिबंध, पवनें, चक्रवात और प्रतिचक्रवात, वाष्पन, संघनन और वर्षण के रूप: आर्द्रता, वर्षा और उसके प्रकार।
  • वैश्विक जलवायु : वर्गीकरण, ग्रीनहाउस प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग और वैश्विक जलवायु परिवर्तन।
  • जल (महासागर) : पृथ्वी की सतह पर जल निकायों का वितरण, जलीय चक्र।
  • महासागर : अंतः सागरीय उच्चावच, तापमान और लवणता का वितरण; महासागरीय जलधाराओं की गति; अटलांटिक, प्रशांत और हिंद महासागर की धाराएँ और ज्वार-भाटा।
  • मानचित्र और पैमाने : परिभाषा और वर्गीकरण, दिशा निर्धारण, पारंपरिक संकेत, मानचित्र पर उच्चावच विशेषताओं को दर्शाने की तकनीक, समोच्च रेखाएँ(कंटूर), हैच्यूर्स, पर्वतीय छायाकरण(हिल शेडिंग), स्तर वर्णन (लेयर टिंटिंग)। जलवायवीय आँकड़ों का निरूपण, रेखा और बार ग्राफ, क्लाइमो ग्राफ , समताप रेखाएँ, समदाब रेखाएँ और समवर्षा रेखाएँ।
  • जैवमंडल : पारिस्थितिकी, पारिस्थितिक तंत्र का प्रकार, पारिस्थितिक तंत्र की संरचना और कार्य- खाद्य शृंखला, खाद्य जाल(वेब), दुनिया के प्रमुख बायोम, पारिस्थितिक संतुलन, जैव विविधता और इसका संरक्षण।
  • भारत (आकार और स्थिति )
  • भारत की भौतिक विशेषताएँ :भू-वैज्ञानिक संरचना, भू-आकृतिक विभाजन, अपवाह तंत्र और इसका विकास।
  • जलवायु : भारतीय मानसून की उत्पत्ति और क्रियाविधि, भारत की ऋतुएँ, भारत की जलवायु का वर्गीकरण (कोपेन के अनुसार), मिट्टी : प्रकार और वितरण, प्राकृतिक वनस्पति : प्रकार और वितरण।
  • जनसंख्या : जनसंख्या की वृद्धि और वितरण : कारण और निर्धारक घटक, प्रवासन-कारण और परिणाम, माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत, जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत और उनकी प्रासंगिकता, जनसंख्या संरचना और उसके गुण, जनसंख्या और सतत विकास, एक संसाधन के रूप में जनसंख्या, भारत के संदर्भ में जनसंख्या समस्याएँ एवं नीतियाँ।
  • संसाधन और विकास : संसाधन और पर्यावरण का अर्थ, प्रकृति और घटक; संसाधन, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी इंटरफेस; संसाधनों का वर्गीकरण। जल, खनिज, वन और मत्स्य पालन का वितरण, उपयोग, आर्थिक और पर्यावरणीय महत्त्व तथा जल संरक्षण; प्रमुख फसलों, वन्यजीव संसाधन और ऊर्जा संसाधनों का उत्पादन और वितरण।
  • कृषि : आर्द्र एवं शुष्क कृषि; गहन, व्यापक, स्थानांतरणीय, वाणिज्यिक और बागवानी कृषि का विकास और समस्याएँ, फसल गहनता, प्रमुख फसलें।
  • विनिर्माण उद्योग : वर्गीकरण, स्थानीय कारक, प्रकार और वितरण, भारत के औद्योगिक समूह (Clusters), चीनी का उत्पादन और वितरण, सूती कपड़ा, लोहा और इस्पात, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग।
  • राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ : परिवहन और संचार के साधन, सड़कें, रेलवे, जलमार्ग और वायुमार्ग, तेल और गैस पाइपलाइन, राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड, रेडियो, टेलीविज़न उपग्रह और कंप्यूटर।
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार : भारत के विदेशी व्यापार, बंदरगाहों और हवाई अड्डों का बदलता स्वरूप; व्यापार के रूप में पर्यटन।
  • आपदा और खतरों की समझ :
    • आपदाओं के प्रकार - प्राकृतिक और मानव निर्मित।
    • आपदा प्रबंधन : आपदा प्रबंधक की भूमिका का निर्वहन,आपदा प्रबंधन के घटक।
    • आपदा जोखिम न्यूनीकरण : आपदा जोखिम प्रबंधन, आपदा न्यूनीकरण को समझना, विशिष्ट खतरे और शमन।
    • सामान्य मानव निर्मित आपदाएँ और उनकी रोकथाम।
    • समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन और आपदाओं के लिए सामाजिक योजना बनाना।
    • सुनामी : जानलेवा समुद्री लहरें।
    • उत्तरजीविता कौशल: आपदा के दौरान और उसके बाद।
    • वैकल्पिक संचार प्रणाली।
    • सुरक्षित निर्माण पद्धतियाँ।
    • जिम्मेदारियाँ साझा करना।
    • आगे की योजना बनाना।
  • उत्पादन के घटक


  • संसाधन के रूप में लोग :

    • आर्थिक गतिविधियाँ/गैर-आर्थिक गतिविधियाँ
    • जनसंख्या
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
    • बेरोज़गारी/रोज़गार
  • गरीबी - एक चुनौती के रूप में :

    • गरीबी रेखा
    • गरीबी और असमानता
    • गरीबी कम करने के लिये नीतियाँ
    • गरीबी का अनुमान
  • भारत में खाद्य सुरक्षा :

    • खाद्य सुरक्षा
    • हरित क्रांति
    • बफर स्टॉक
    • निर्गम मूल्य/समर्थन मूल्य
    • खाद्य सुरक्षा में सहकारी समितियों की भूमिका
  • विकासात्मक संवृद्धि और संरचनात्मक विकास :

    • संवृद्धि और वितरण, संधारणीय कृषि संवृद्धि
    • संवृद्धि और संरचनात्मक परिवर्तन
    • जनसंख्या और मानव संसाधन विकास
    • क्रय शक्ति समता (पीपीपी)
    • स्वतंत्रता के समय भारतीय अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएँ
    • आर्थिक विकास
    • सकल नामांकन अनुपात
    • विदेशी व्यापार और आर्थिक विकास
    • विकास एवं विकासाधीन
    • आय का वितरण/विकास के कारक
  • अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक :

    • क्षेत्रों का वर्गीकरण जैसे- प्राथमिक/द्वितीयक/तृतीयक/संगठित/असंगठित/ सार्वजनिक/निजी क्षेत्र
    • लघु एवं वृहद् उद्योग
    • सार्वजनिक क्षेत्र का प्रदर्शन
    • निजीकरण
    • औद्योगिक क्षेत्र में रोज़गार वृद्धि
  • मुद्रा और साख :

    • भारतीय मौद्रिक प्रणाली
    • मुद्रा के कार्य
    • बैंक: केंद्रीय बैंक के कार्य, वाणिज्यिक बैंक
    • स्वयं सहायता समूह (SHG)
    • ऋण जाल
    • मुद्रा की मांग और मुद्रा की आपूर्ति
    • वित्तीय बाज़ार
    • मुद्रा और पूंजी बाज़ार
    • भारत में मौद्रिक समुच्चय

नागरिकशास्त्र

  • सत्ता की साझेदारी
  • संघवाद
  • लोकतंत्र और विविधता
  • राजनीतिक दल
  • चुनाव
  • लोकतंत्र की चुनौतियाँ
  • लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन - जैसे नेपाल, बोलीविया में।
  • लोकतंत्र :

    • अवधारणा
    • मुख्य विशेषताएँ
    • स्थानीय स्वशासन
    • चुनाव
    • भारत और विश्व में लोकतंत्र
  • भारतीय संविधान :

    • संविधान का निर्माणा
    • संविधान को अंगीकृत करना
    • संस्थानों की कार्यप्रणाली - संसद, न्यायपालिका
    • मौलिक अधिकार

विज्ञान

धारा का प्रभाव

विभव, विभवांतर, ओम का नियम, प्रतिरोधों का शृंखला संयोजन, प्रतिरोधों का समानांतर संयोजन, प्रतिरोध के कारण शक्ति का क्षय, शक्ति; धारा; विभव और प्रतिरोध के बीच अंतर संबंध। चुंबकीय क्षेत्र और चुंबकीय रेखा, धारा प्रवाही चालक के कारण उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र, फ्लेमिंग के बाएँ हाथ का नियम, विद्युत चुंबकीय प्रेरण, प्रेरित विभवांतर, प्रेरित धारा, प्रत्यक्ष धारा, प्रत्यावर्ती धारा, प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति, विद्युत मोटर और विद्युत जेनरेटर(जनित्र) का लाभ।

प्रकाश

  • प्रकाश का अभिसरण और विचलन, अवतल दर्पण द्वारा निर्मित छवियाँ; संबंधित अवधारणाएँ, वक्रता केंद्र; मुख्य अक्ष, प्रकाशिक केंद्र, केंद्र बिंदु, फोकल लंबाई, अपवर्तन और अपवर्तन के नियम। उत्तल लेंस द्वारा निर्मित छवियाँ; नेत्र की कार्यप्रणाली एवं उपचार।
  • गोलाकार दर्पण और लेंस के अनुप्रयोग।
  • अपवर्तन सूचकांक की अवधारणा के अनुप्रयोग; तारों की टिमटिमाहट, प्रकाश का फैलाव, प्रकाश का प्रकीर्णन।

ऊर्जा के स्रोत

ऊर्जा के विभिन्न रूप, मानव उपयोग के लिये महत्त्वपूर्ण ऊर्जा सूत्र हैं : जीवाश्म ईंधन; सौर ऊर्जा; बायोगैस; पवन ऊर्जा; जल एवं ज्वारीय ऊर्जा तथा परमाणु ऊर्जा आदि। नवीकरणीय तथा गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत।

गति : बल और न्यूटन के नियम

  • विस्थापन, वेग, एक सीधी रेखा के सापेक्ष एकसमान और असमान गति, त्वरण; दूरी-समय और वेग, एकसमान और समान रूप से त्वरित गति के लिये समय ग्राफ; ग्राफिकल(आलेखीय) विधि द्वारा गति के समीकरण; एकसमान वृत्तीय गति संबंधी मौलिक विचार।
  • बल और गति, न्यूटन के गति के नियम, किसी पिंड का जड़त्व, जड़त्व और द्रव्यमान, संवेग बल और त्वरण, संवेग संरक्षण का मूलभूत विचार, क्रिया और प्रतिक्रिया बल।

गुरुत्वाकर्षण : कार्य, ऊर्जा और शक्ति

गुरुत्वाकर्षण, गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक सिद्धांत, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल, गुरुत्वाकर्षण के कारण त्वरण, द्रव्यमान और भार, स्वतंत्र रूप से नीचे की ओर गिरना (Free Fall) । किसी बल द्वारा किया गया कार्य; ऊर्जा, शक्ति, गतिज और संभावित ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण का नियम।

उत्प्लावन

प्रणोद और दबाव, आर्किमिडीज़ का सिद्धांत, उछाल, सापेक्षिक घनत्व की मूलभूत अवधारणा ।

ध्वनि

ध्वनि की प्रकृति और विभिन्न माध्यमों में इसका प्रसार, ध्वनि की गति, मनुष्यों में सुनने की सीमा; अल्ट्रासाउंड, ध्वनि का परावर्तन; गूँज(Echo) और सोनार; मानव कर्ण (कान) की संरचना (केवल श्रवण पहलू)।

पदार्थ-प्रकृति और व्यवहार : पदार्थ की अवस्थाएँ

  • गैसें, तरल पदार्थ, ठोस, प्लाज्मा और बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट्स(BEC), अंतरआणविक बलों के प्रकार।
  • पदार्थ का मिश्रण एवं शुद्ध पदार्थ में वर्गीकरण, हेनरी का नियम।
  • विलयनों की सांद्रता।
  • कोलॉइड- कोलॉइड के चरण, टिंडल प्रभाव, ब्राउनी गति। निलंबन, पदार्थ के गुण, पदार्थ के गुणों का मापन- एस.आई.(SI) मात्रकों की प्रणाली, भौतिक और रासायनिक परिवर्तन।

रासायनिक संयोजन के नियम

गै-लुसैक का नियम, एवोगैड्रो का नियम, परमाणु और आणविक द्रव्यमान, औसत परमाणु द्रव्यमान, मोल(Mole) की अवधारणा और आणविक द्रव्यमान, प्रतिशत संरचना।

परमाणु की संरचना

डाल्टन का परमाणु सिद्धांत, विसर्जन नलिका प्रयोग, जे.जे. थॉमसन का परमाणु मॉडल, रदरफोर्ड का मॉडल, बोर का परमाणु मॉडल, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, आयनों का निर्माण; धातु, उपधातु या अधातु के रूप में तत्त्वों की विशेषता, आइसोटोप (उनके अनुप्रयोग), आइसोबार और आइसोटोन।

तत्वों का आवर्तिक वर्गीकरणा

मेंडलीव का आवर्त नियम, तत्त्वों के आवर्त गुण, आवर्त और समूहों में प्रवृत्ति: आवर्त सारणी का महत्त्व, आवर्त सारणी में हाइड्रोजन की स्थिति।

रासायनिक पदार्थ

  • अम्ल, क्षार और लवण की प्रकृति व व्यवहार : अम्ल और क्षार की शास्त्रीय परिभाषा, ब्रान्सटेड-लोरी सिद्धांत, लूइस की अम्ल और क्षार की अवधारणा, अम्ल और क्षार की सापेक्ष शक्ति, लघुगणक या पीएच स्केल- pH, pOH और pKw , विलियन में आयनिक साम्य/संतुलन ।
  • अम्ल और क्षार पर सूचकों की प्रतिक्रिया, अम्ल और क्षार के स्रोत, लवण- लवण का वर्गीकरण और उनका pH।

रासायनिक अभिक्रियाएँ

रासायनिक समीकरणों का निर्माण, रासायनिक समीकरणों को संतुलित करना, रासायनिक समीकरणों के प्रकार उदाहरण सहित।

धातु और अधातु

  • सभी गुणों और अनुप्रयोगों सहित धातुओं और अधातुओं के लक्षण, प्रकृति में धातुओं की उपस्थिति : अयस्क और खनिज, अयस्कों का संवर्द्धन- धातुकर्म प्रक्रियाएँ ।
  • संक्षारण : लोहे में जंग लगना – संक्षारण निवारण।

कार्बन यौगिक

  • आवर्त सारणी में कार्बन की स्थिति, संकरण की अवधारणा और अणुओं के आकार, संरचनात्मक सूत्र और आणविक मॉडल, कार्बनिक यौगिकों द्वारा होने वाली अभिक्रियाओं के प्रकार, विभिन्न कार्यात्मक समूहों वाले यौगिकों की समजातीय श्रेणी, समावयवता (Isomerism), कार्बनिक यौगिकों का IUPAC नामकरण।
  • हाइड्रोकार्बन- कोयला एवं पेट्रोलियम का निर्माण और उनका वर्गीकरण।
  • ऐल्केन्स का निर्माण, गुण और औद्योगिक स्रोत।
  • एल्कोहल : निर्माण और गुण। एल्कोहल का गुणात्मक विश्लेषण, आयोडोफॉर्म परीक्षण, ए एल्कोहल का जीवों पर प्रभाव। कार्बोक्सिलिक अम्ल : निर्माण और गुण।
  • कार्बोक्सिलिक अम्ल का प्रकार्यात्मक समूह परीक्षण, साबुन, डिटर्जेंट, बायोडिग्रेडेबल डिटर्जेंट, कार्बन तंतु(Fibers)।

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण

  • नदी जल प्रदूषण, जल की गुणवत्ता में सुधार के लिये गंगा एक्शन प्लान, प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रबंधन की आवश्यकता।
  • प्रदूषण को रोकने और वायुमंडलीय संरक्षण के लिये गैर-पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों का विकास।

मानव निर्मित पदार्थ

चीनी मिट्टी की वस्तुएँ, सीमेंट, चीनी मिट्टी के बर्तन(Porcelain), काँच, कार्बन तंतु(फाइबर), साबुन और डिटर्जेंट, पॉलिमर, तंतु(फाइबर) और प्लास्टिक।

जीवन का चक्र

  • जैव प्रक्रम क्या है?
  • पोषण की आवश्यकता
  • पशुओं में पोषण की विभिन्न विधियाँ
  • प्रकाश संश्लेषण क्या है?
  • होलोज़ोइक पोषण के विभिन्न चरण
  • वायवीय और अवायवीय श्वसन
  • मनुष्यों में परिवहन (परिसंचरण तंत्र)
  • पादपों में परिवहन
  • जंतुओं में परिवहन
  • जंतुओं(मानव सहित) में उत्सर्जन
  • पौधों में उत्सर्जन

नियंत्रण एवं समन्वय

  • जंतु - तंत्रिका तंत्र
  • जंतुओं में तंत्रिका तंत्र की मूल इकाई
  • प्रतिवर्ती क्रिया
  • मानव मस्तिष्क
  • पादपों में समन्वय
  • भू-अनुवर्तन(Geotropism) - सकारात्मक, नकारात्मक
  • जंतुओं में हॉर्मोन
  • अंतःस्रावी और बहिःस्रावी ग्रंथियाँ

प्रजनन

  • विविधता का महत्त्व
  • एकल जीवों द्वारा उपयोग किये जाने वाले प्रजनन के तरीके
  • पादपों और जंतुओं में लैंगिक जनन
  • मानवों में जनन
  • क्या होता है जब एक अंडाणु निषेचित नहीं होता है?
  • गर्भधारण से बचाव के तरीके (परिवार नियोजन)

आनुवंशिकी तथा विकास

  • आनुवंशिकता क्या है?
  • मेंडल के वंशागति के नियम
  • लिंग का निर्धारण कैसे किया जाता है?
  • विकास एवं वर्गीकरण
  • अर्जित और वंशानुगत लक्षण
  • समजात और समरूप अंग
  • जीवाश्म क्या हैं?
  • मानव विकास

मानव नेत्र तथा रंग-बिरंगा संसार

  • नेत्र की संरचना
  • दृष्टि दोष और उसमे सुधार

प्राकृतिक संसाधन

  • जीवन की मूलभूत इकाई
    • सजीव किससे बने होते हैं?
    • कोशिका की संरचना

ऊतक

  • ऊतकों को परिभाषित करें
  • पादप और जंतु ऊतकों के प्रकार

जीव जगत की विविधता

  • वर्गीकरण का आधार
  • वर्गीकरण और वर्गीकरण का पदानुक्रम - समूह
  • पादप जगत (प्लांटी किंगडम), जंतु जगत (एनिमेलिया किंगडम)
  • नामकरण

हम बीमार क्यों पड़ते हैं?

  • स्वास्थ्य तथा इसका बिगड़ना
  • रोग तथा इसके कारण
  • रोगों के प्रकार- संक्रामक, गैर-संक्रामक
  • रोगों की रोकथाम
  • टीकाकरण

प्राकृतिक संसाधन

हमारा पर्यावरण

  • वातावरण, जलवायु नियंत्रण में वातावरण की भूमिका, वायु, वर्षा, पर्यावरणीय प्रदूषण
  • ग्लोबल वार्मिंग(वैश्विक तापन) और ग्रीनहाउस(हरित गृह) प्रभाव, अम्लीय वर्षा, कणिकीय प्रदूषक, स्मॉग, प्रकाश रासायनिक स्मॉग का निर्माण
  • ओज़ोन परत का निर्माण और इसके विखंडन से ओज़ोन छिद्र का निर्माण, ओज़ोन छिद्र बनने के कारण, ध्रुवीय भँवर, ओज़ोन क्षरण के प्रभाव
  • जल प्रदूषण-ऑक्सीजन की मांग, रासायनिक ऑक्सीजन की मांग, पेयजल के अंतर्राष्ट्रीय मानक, पेयजल प्रसंस्करण
  • मृदा प्रदूषण : जल पुनर्चक्रण, पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने की रणनीतियाँ, प्रदूषकों का संग्रहण और निपटान के उचित तरीके
  • जैव-भू-रासायनिक चक्र : जल चक्र, नाइट्रोजन चक्र, कार्बन चक्र और ऑक्सीजन चक्र
    • 1. प्राणवायु : वायु, वायु प्रदूषण
    • 2. जल एक अद्भुत द्रव
    • 3. जल प्रदूषण
    • 4. जैव भू-रासायनिक चक्र, नाइट्रोजन चक्र, कार्बन चक्र,ऑक्सीजन चक्र
    • 5. ग्रीनहाउस(हरित गृह) प्रभाव
    • 6. ओज़ोन परत क्या है? यह पृथ्वी की रक्षा कैसे करती है? ओज़ोन परत क्षय के क्या कारण हैं? यह सजीवों के दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है?

खाद्य संसाधनों में सुधार

  • फसल उत्पादकता में सुधार
  • पशुपालन
  • अंतराशस्यन(Intercropping) की आवश्यकता
  • क्रॉस ब्रीडिंग
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