बिहार राज्य के संदर्भ में शिक्षण एक सम्मानित कॅरियर विकल्प के रूप में लोकप्रिय है, जहाँ शिक्षा को महत्त्व देने की एक दीर्घकालिक परंपरा रही है। राज्य द्वारा अकादमिक गतिविधियों तथा शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने के कारण गुणवत्तायुक्त शिक्षकों की मांग में वृद्धि हुई है। ज्ञान के माध्यम से समुदाय के उत्थान की प्रतिबद्धता की आकांक्षा रखने वाले, बिहार निवासी शिक्षण को एक सम्मानित कॅरियर विकल्प के रूप में देखते हैं। बिहार में सांस्कृतिक रूप से निरंतर सीखने की परंपरा विद्यमान रही है; जिस कारण यहाँ अध्यापक को समाज में शिक्षा एवं उचित मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु सम्मानजनक स्थान प्राप्त होता है, जो समाज के सर्वांगीण विकास के चक्र को निरंतर बढ़ावा देता है।
परीक्षा पद्धति (एग्ज़ाम पैटर्न)
बिहार में अध्यापक बनने के लिये आयोजित की जाने वाली परीक्षाएँ, उत्तर भारत के कई अन्य राज्यों और हिंदी भाषी क्षेत्रों से इस अर्थ में भिन्न हैं कि बिहार में ऐसी सभी परीक्षाओं का आयोजन सीधे राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है, जो बिहार राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के नाम से जाना जाता है। BPSC प्राथमिक (वर्ग 1 से 5), मध्य/मिडिल (वर्ग 6 से 8), माध्यमिक (वर्ग 9 और 10) तथा उच्चतर माध्यमिक (वर्ग 11 और 12) में शिक्षकों की भर्ती के लिये प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करता है।
BPSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं का विवरण निम्नलिखित है :
बिहार प्राथमिक विद्यालय अध्यापक (वर्ग 1 से 5)
भाग
विषय
प्रश्नों की संख्या
अंक
समय
भाग-I : भाषा (अर्हता - न्यूनतम 30% अंक)
अंग्रेज़ी और हिंदी/उर्दू/बांग्ला
30
30
02.30 घंटे
भाग-II:
सामान्य अध्ययन
प्रारंभिक गणित, मानसिक योग्यता परीक्षण, सामान्य जागरूकता, सामान्य विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भूगोल और पर्यावरण
120
120
कुल
150
150
नोट : वर्ग 1-5 (कक्षा 1 से 5) के अभ्यर्थियों के लिये उपर्युक्त विषय पत्रों का पाठ्यक्रम SCERT/NCERT से संबंधित होगा, किन्तु इसका स्तर अभ्यर्थी हेतु निर्धारित न्यूनतम अर्हता के आलोक में होगा।
सामान्य अध्ययन खंड का पाठ्यक्रम SCERT से संबंधित होगा, किन्तु इसका स्तर अभ्यर्थी हेतु निर्धारित न्यूनतम अर्हता के आलोक में होगा।
बिहार मध्य/मिडिल विद्यालय अध्यापक (वर्ग 6 से 8)
भाग
विषय
प्रश्नों की संख्या
अंक
समय
भाग-I :
भाषा (अर्हता - न्यूनतम 30% अंक)
अंग्रेज़ी और हिंदी/उर्दू/बांग्ला
30
30
02.30 घंटे
भाग-II:
सामान्य अध्ययन
प्रारंभिक गणित, सामान्य जागरूकता, सामान्य विज्ञान, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और भूगोल।
40
40
भाग-III:
संबंधित विषय
गणित एवं विज्ञान / सामाजिक विज्ञान / हिन्दी / उर्दू / संस्कृत तथा अंग्रेज़ी
80
80
कुल
150
150
नोट : वर्ग 6-8 (कक्षा 6 से 8) के सामाजिक विज्ञान का चयन करने वाले अभ्यर्थी यदि खंड-I में इतिहास विषय का चयन करते हैं, तो खंड-II में भूगोल/अर्थशास्त्र/राजनीति विज्ञान विषय में से किसी एक विषय का चयन करना होगा। यदि अभ्यर्थी द्वारा खंड-I में भूगोल विषय का चयन किया जाता है, तो खंड-II में अर्थशास्त्र/राजनीति विज्ञान विषय में से किसी एक विषय का चयन करना होगा।
उपर्युक्त विषय पत्रों के पाठ्यक्रम SCERT/NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित होंगे, किन्तु इसका स्तर अभ्यर्थी द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता के आलोक में होगा।
बिहार माध्यमिक विद्यालय अध्यापक (वर्ग 9-10)
भाग
विषय
प्रश्नों की संख्या
अंक
समय
भाग-I :
भाषा (अर्हता - न्यूनतम 30% अंक)
अंग्रेज़ी और हिंदी/उर्दू/बांग्ला
30
30
02.30 घंटे
भाग-II:
सामान्य अध्ययन
प्रारंभिक गणित, सामान्य जागरूकता, सामान्य विज्ञान, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और भूगोल।
40
40
भाग-III:
संबंधित विषय
गणित / विज्ञान / सामाजिक विज्ञान / हिन्दी / अंग्रेज़ी / बांग्ला / उर्दू / संस्कृत / अरबी / फारसी / ललित कला / नृत्य / शारीरिक शिक्षा / मैथिली / संगीत
80
80
कुल
150
150
नोट : वर्ग 9-10 (कक्षा 9 और 10) के सामाजिक विज्ञान का चयन करने वाले अभ्यर्थी यदि खंड-I में इतिहास विषय का चयन करते हैं, तो खंड-II में भूगोल/अर्थशास्त्र/राजनीति विज्ञान विषय में से किसी एक विषय का चयन करना होगा। यदि अभ्यर्थी द्वारा खंड-I में भूगोल विषय का चयन किया जाता है, तो खंड-II में अर्थशास्त्र/राजनीति विज्ञान विषय में से किसी एक विषय का चयन करना होगा।
उपर्युक्त विषय पत्रों के पाठ्यक्रम SCERT/NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित होंगे, किन्तु इसका स्तर अभ्यर्थी द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता के आलोक में होगा।
बिहार उच्चतर माध्यमिक अध्यापक (वर्ग 11-12)
भाग
विषय
प्रश्नों की संख्या
अंक
समय
भाग-I :
भाषा (अर्हता - न्यूनतम 30% अंक)
अंग्रेजी और हिंदी/उर्दू/बंगाली
30
30
02.30 घंटे
भाग-II:
सामान्य अध्ययन
प्रारंभिक गणित, सामान्य जागरूकता, सामान्य विज्ञान, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और भूगोल।
40
40
भाग-III:
संबंधित विषय
हिंदी/उर्दू/अंग्रेज़ी/संस्कृत/बांग्ला/ मैथिली/मगही/अरबी/फारसी/भोजपुरी/पालि/प्राकृत/गणित/भौतिकी/रसायन विज्ञान/वनस्पति विज्ञान/ जंतु विज्ञान /इतिहास/राजनीति विज्ञान/भूगोल/अर्थशास्त्र/समाजशास्त्र/मनोविज्ञान/दर्शनशास्त्र/गृह विज्ञान/कंप्यूटर विज्ञान/बिजनेस स्टडीज़/अकाउंटेंसी/संगीत और उद्यमिता।
80
80
कुल
150
150
नोट : वर्ग 11-12 (कक्षा 11 और 12) के अभ्यर्थियों के लिये उपर्युक्त विषय पत्रों के पाठ्यक्रम SCERT/NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित होंगे, किन्तु इसका स्तर अभ्यर्थी द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता के आलोक में होगा।
रणनीति
BPSC अध्यापक रिक्तियाँ उन अभ्यर्थियों के लिये एक बड़ा अवसर हैं जो अध्यापक बनना चाहते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहते हैं। परीक्षा में सफलता को लक्ष्य बनाने वाले अभ्यर्थियों के लिये एक व्यवस्थित परीक्षा-पूर्व दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है, जो समय प्रबंधन, विषयों की प्राथमिकता, तनाव में कमी और संसाधनों के इष्टतम उपयोग जैसे पहलुओं को ध्यान मे रखकर तैयार किया जाता है। यह रणनीति समय के विवेकपूर्ण विभाजन की सुविधा प्रदान करती है, जिससे परीक्षा के विभिन्न अनुभागों पर संतुलित रूप से ध्यान दिया जा सकता है। प्रमुख विषयों को प्राथमिकता देकर, यह अभ्यर्थियों को परीक्षा पद्धति से परिचित कराकर तनावमुक्त रखने में मदद करता है। यह दृष्टिकोण संसाधनों के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करता है तथा लक्ष्य-निर्धारण और अनुकूल पद्धतियों के माध्यम से आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है। कुल मिलाकर, यह रणनीति अभ्यर्थियों को आत्मविश्वास के साथ परीक्षा का सामना करने हेतु सशक्त बनाती है, जिससे विभिन्न परीक्षा परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता में वृद्धि होती है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने BPSC अध्यापक भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र के सभी भागों के लिये व्यापक रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की है। हमारा मानना है कि इन रणनीतियों को अपनाकर, परीक्षार्थी न केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने की बल्कि अधिक अंक प्राप्त करने की संभावना में वृद्धि कर सकते हैं।
BPSC प्राथमिक अध्यापक भर्ती परीक्षा में एकमात्र प्रश्नपत्र ‘भाषा और सामान्य अध्ययन’ पर आधारित होगा, जिसमें प्रश्नों की प्रकृति बहुविकल्पीय (MCQs) होगी। प्रश्नपत्र का भाग-I भाषा (अंग्रेज़ी और हिन्दी/उर्दू/बांग्ला) पर आधारित होगा, जो अर्हक (Qualifying) होगा; साथ ही भाग-II सामान्य अध्ययन से संबंधित होगा। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा और गलत उत्तरों के लिये कोई ऋणात्मक अंकन नहीं किया जाएगा।
प्राथमिक विद्यालय अध्यापक के अभ्यर्थियों हेतु विस्तृत रणनीति निम्नलिखित है :
सम्पूर्ण कवरेज :
अपनी तैयारी शुरू करने से पहले, बिहार प्राथमिक अध्यापक (वर्ग 1 से 5) के लिये आयोग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की विस्तृत समीक्षा करें। पाठ्यक्रम के प्रत्येक भाग के लिये विशिष्ट समय स्लॉट निर्धारित करें तथा यह प्रयास करें, कि संपूर्ण परीक्षा पाठ्यक्रम निर्धारित समय-सीमा के तहत कवर किया जाए। पाठ्यक्रम में मूलभूत अवधारणाओं और प्रमुख विषयों की स्पष्ट समझ बनाने के लिये विषय विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित पुस्तकों की सहायता लें।
भाषा अनुभाग में नई शब्दावली से परिचित होने के लिये नियमित रूप से हिंदी और अंग्रेज़ी समाचार पत्र पढ़ने हेतु अपनी दिनचर्या में समय निर्धारित करें, जो आपके लिये परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने में सहायक होगा। यह अभ्यास प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी गति को बढ़ाएगा और परीक्षा के दौरान सटीकता में सुधार करेगा। इसके अतिरिक्त, तैयारी के दौरान संक्षिप्त नोट्स भी बनाएँ क्योंकि वे अंतिम समय में तैयार किये गए विषयों को दोहराने तथा आपकी तैयारी को मज़बूत आधार प्रदान करने में सहायक होंगे।
सामान्य अध्ययन में सम्मिलित उप-विषयों की विविधता एवं व्यापकता को देखते हुए यह महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने अध्ययन के कमज़ोर और मज़बूत पहलुओं को समझकर जितना संभव हो सके बहुविकल्पीय प्रश्नों(MCQs) का अभ्यास करें। इस खंड की बेहतर तैयारी करने और अधिक अंक प्राप्त करने के लिये आप दृष्टि पब्लिकेशन्स की ‘सामान्य ज्ञान’ (दृष्टि G.K.), ‘वन डे मैजिक सीरीज़’ तथा ‘BPSC TRE : प्रैक्टिस वर्क बुक’ जैसी पुस्तकों को अपनी अध्ययन सामग्री में शामिल कर सकते हैं।
भारांश समीक्षा : प्रश्नपत्र में प्रश्नों के भारांश और कठिनाई स्तर पर विचार करते हुए एक समय सारिणी बनाएँ। प्रश्नपत्र में परंपरागत रूप से अधिक भारांश वाले बिन्दुओं की पहचान करें और उन्हें गहराई से समझने और बेहतर तैयारी के लिये अधिक समय आवंटित करें। इसके लिये आप विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों की सहायता भी ले सकते हैं।
प्रासंगिक अध्ययन सामग्री का निर्धारण : अपनी निर्धारित समय-सारिणी में स्पष्ट रूप से रेखांकित करें कि विगत वर्षों के प्रश्नपत्र, टेस्ट सीरीज़ और अन्य प्रासंगिक अध्ययन सामग्री का उपयोग कब करना है। BPSC PRT मॉक टेस्ट का अभ्यास, जिसमें पूर्ण टेस्ट और अध्यायवार टेस्ट दोनों सम्मिलित हों, आपकी तैयारी को मज़बूत आधार प्रदान करेगा तथा अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में परीक्षा में आपके प्रदर्शन तथा परीक्षा परिणाम को बेहतर करने में आपकी सहायता करेगा।
नोट : विस्तृत पाठ्यक्रम BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। अतः अभ्यर्थियों को यह सलाह दी जाती है कि आप पाठ्यक्रम में होने वाले किसी भी बदलाव की सूचना के लिये नियमित रूप से आधिकारिक वेबसाइट को चेक करते रहें।
मध्य विद्यालय (वर्ग 6-8) व माध्यमिक विद्यालय (वर्ग 9-10) अध्यापक
रणनीति
BPSC द्वारा मध्य विद्यालय (वर्ग 6-8) तथा माध्यमिक विद्यालय (वर्ग 9-10 ) अध्यापक पद हेतु भर्ती परीक्षा आयोजित की जाती है। मध्य तथा माध्यमिक दोनों अध्यापक भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र तीन भागों में विभाजित होगा। सभी भागों में वस्तुनिष्ठ प्रकार (MCQs) के प्रश्न सम्मिलित होते हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिये 1 अंक निर्धारित है तथा गलत उत्तरों के लिये कोई ऋणात्मक अंकन नहीं किया जाएगा। प्रश्नपत्र का भाग-I भाषा (अंग्रेज़ी और हिन्दी/उर्दू/बांग्ला) पर आधारित है, जो अर्हक (Qualifying) प्रकृति का होगा। प्रश्नपत्र का भाग-II सामान्य अध्ययन में सम्मिलित विभिन्न उप-विषयों से संबंधित है। भाग-III विषय विशिष्ट से संबंधित है, जिसे अभ्यर्थी द्वारा चुना गया है। वर्ग 6-8 के प्रश्नपत्र के लिये कठिनाई का स्तर वर्ग 9-10 की तुलना में कम होगा। अर्थात् परीक्षा और उससे संबंधित विषयों के बढ़ते स्तर के साथ कठिनाई का स्तर भी बढ़ता जाएगा।
मध्य तथा माध्यमिक विद्यालय अध्यापक के अभ्यर्थियों हेतु विस्तृत रणनीति निम्नलिखित है :
व्यापक कवरेज :
अपनी तैयारी शुरू करने से पूर्व, BPSC द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की विस्तृत समीक्षा करें। पाठ्यक्रम और विषय के प्रत्येक भाग के लिये विशिष्ट समय स्लॉट निर्धारित करें तथा यह प्रयास करें कि संपूर्ण परीक्षा पाठ्यक्रम निर्धारित समय-सीमा के तहत कवर किया जाए। पाठ्यक्रम में मूलभूत अवधारणाओं और प्रमुख विषयों की स्पष्ट समझ बनाने के लिये विषय विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित पुस्तकों की सहायता लें।
भाषा अनुभाग में नई शब्दावली से परिचित होने के लिये नियमित रूप से हिंदी और अंग्रेज़ी समाचार पत्र पढ़ने हेतु दिनचर्या में समय निर्धारित करें, जो आपके लिये परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने में सहायक होगा। यह अभ्यास प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी गति को बढ़ाएगा और परीक्षा के दौरान सटीकता में सुधार करेगा। इसके अतिरिक्त, अपनी तैयारी के दौरान संक्षिप्त नोट्स भी बनाएँ क्योंकि वे अंतिम समय में तैयार किये गए विषयों को दोहराने तथा आपकी तैयारी को मज़बूत आधार प्रदान करने में सहायक होंगे।
सामान्य अध्ययन में सम्मिलित उप-विषयों की विविधता एवं व्यापकता को देखते हुए यह महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने अध्ययन के कमज़ोर और मज़बूत पहलुओं को समझकर जितना संभव हो सके बहुविकल्पीय प्रश्नों(MCQs) का अभ्यास करें। इस खंड की बेहतर तैयारी करने और अधिक अंक प्राप्त करने के लिये आप दृष्टि पब्लिकेशन्स की ‘सामान्य ज्ञान’ (दृष्टि G.K.), ‘वन डे मैजिक सीरीज़’ तथा ‘BPSC TRE : प्रैक्टिस वर्क बुक’ जैसी पुस्तकों को अपनी अध्ययन सामग्री में शामिल कर सकते हैं।
संबंधित विषय :
अपने विषय में मौलिक अवधारणाओं और सिद्धांतों की स्पष्ट समझ सुनिश्चित करें। विषय विशिष्ट का बेहतर ज्ञान BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा परिणामों की सफलता सूची में अपना नाम सुनिश्चित करने में एक निर्णायक कारक है। यह एक प्रतियोगी परीक्षा है, इसलिये अभ्यर्थियों के लिये यह आवश्यक है की वे स्वयं द्वारा निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार प्रामाणिक पुस्तकों तथा पाठ्यसामग्री का अध्ययन करें और संबंधित विषयों के बहुविकल्पीय प्रश्नों(MCQs) का दैनिक अभ्यास करें। इसके अतिरिक्त, विगत वर्ष के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करना भी महत्त्वपूर्ण है ताकि अभ्यर्थी आसानी से परीक्षा पद्धति को समझ सके और यह निर्धारित कर सके कि कौन-सा बिंदु (टॉपिक) दूसरे की तुलना में अधिक प्रासंगिक तथा परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
पाठ्यपुस्तकों, ऑनलाइन संसाधनों या विषय विशेषज्ञों के परामर्श के माध्यम से किसी भी संदेह या अस्पष्ट अवधारणाओं को स्पष्ट करने हेतु सहायता लें। प्रत्येक विषय के अध्ययन के लिये उसके भारांश और जटिलता स्तर के आधार पर समय-सारिणी में समय निर्धारित करें। चुने गए विषय से संबंधित NCERT पुस्तकों की गहन समीक्षा अवश्य करें। त्वरित रिवीज़न के लिये संक्षिप्त सारांश नोट्स तैयार करें। रिवीज़न के दौरान कमज़ोर विषयों पर अधिक ध्यान दें।
भारांश समीक्षा : प्रश्नपत्रों में प्रश्नों के भारांश और कठिनाई स्तर पर विचार करते हुए एक समय-सारिणी बनाएँ। प्रश्नपत्र में परंपरागत रूप से अधिक भारांश वाले बिन्दुओं की पहचान करें और उनमें गहन समझ विकसित करने तथा उनकी बेहतर तैयारी के लिये अधिक समय आवंटित करें। इसके लिये आप विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों की सहायता भी ले सकते हैं।
प्रासंगिक अध्ययन सामग्री का निर्धारण : अपनी निर्धारित समय-सारिणी में स्पष्ट रूप से रेखांकित करें कि विगत वर्षों के प्रश्नपत्र, टेस्ट सीरीज़ और अन्य प्रासंगिक अध्ययन सामग्री का उपयोग कब करना है। मॉक टेस्ट का अभ्यास, जिसमें पूर्ण टेस्ट, अध्यायवार टेस्ट और विषय विशिष्ट टेस्ट सम्मिलित हों, आपकी तैयारी को मज़बूत आधार प्रदान करेगा तथा अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में परीक्षा में आपके प्रदर्शन तथा परीक्षा परिणाम को बेहतर करने में आपकी सहयता करेगा।
नोट : विस्तृत पाठ्यक्रम BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। अतः अभ्यर्थियों को यह सलाह दी जाती है कि आप पाठ्यक्रम में होने वाले किसी भी बदलाव की सूचना के लिये नियमित रूप से आधिकारिक वेबसाइट को चेक करते रहें।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (वर्ग 11-12) अध्यापक
रणनीति
BPSC द्वारा आयोजित बिहार उच्चतर माध्यमिक अध्यापक भर्ती परीक्षा (वर्ग 11-12) प्रश्नपत्र तीन भागों में विभाजित है। सभी भागों में वस्तुनिष्ठ प्रकार (MCQs) के प्रश्न सम्मिलित होंगे तथा गलत उत्तरों के लिये कोई ऋणात्मक अंकन नहीं किया जाएगा। प्रश्नपत्र का भाग-I भाषा (अंग्रेज़ी और हिन्दी/उर्दू/बांग्ला) पर आधारित है, जो अर्हक (Qualifying) प्रकृति का होगा। प्रश्नपत्र का भाग-II सामान्य अध्ययन में सम्मिलित विभिन्न उप-विषयों से संबंधित है। भाग-III विषय विशिष्ट से संबंधित है, जिसे अभ्यर्थी द्वारा चुना गया है। प्रश्नपत्र और उससे संबंधित विषयों के बढ़ते स्तर के साथ कठिनाई का स्तर भी बढ़ता जाएगा, अतः परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने हेतु परीक्षा के सभी भागों पर ध्यान देना महत्त्वपूर्ण है।
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अध्यापक के अभ्यर्थियों हेतु विस्तृत रणनीति निम्नलिखित है :
व्यापक कवरेज :
अपनी तैयारी शुरू करने से पूर्व, BPSC द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की विस्तृत समीक्षा करें। पाठ्यक्रम और विषय के प्रत्येक भाग के लिये विशिष्ट समय स्लॉट निर्धारित करें तथा यह प्रयास करें कि संपूर्ण परीक्षा पाठ्यक्रम निर्धारित समय-सीमा के तहत कवर किया जाए। पाठ्यक्रम में मूलभूत अवधारणाओं और प्रमुख विषयों की स्पष्ट समझ बनाने के लिये विषय विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित पुस्तकों की सहायता लें।
भाषा अनुभाग में नई शब्दावली से परिचित होने के लिये नियमित रूप से हिंदी और अंग्रेज़ी समाचार पत्र पढ़ने हेतु दिनचर्या में समय निर्धारित करें, जो आपके लिये परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने में सहायक होगा। यह अभ्यास प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी गति को बढ़ाएगा और परीक्षा के दौरान सटीकता में सुधार करेगा। इसके अतिरिक्त, अपनी तैयारी के दौरान संक्षिप्त नोट्स भी बनाएँ क्योंकि वे अंतिम समय में तैयार किये गए विषयों को दोहराने तथा आपकी तैयारी को मज़बूत आधार प्रदान करने में सहायक होंगे।
सामान्य अध्ययन में सम्मिलित उप-विषयों की विविधता एवं व्यापकता को देखते हुए यह महत्त्वपूर्ण है कि आप अपने अध्ययन के कमज़ोर और मज़बूत पहलुओं को समझकर जितना संभव हो सके बहुविकल्पीय प्रश्नों(MCQs) का अभ्यास करें। इस खंड की बेहतर तैयारी करने और अधिक अंक प्राप्त करने के लिये आप दृष्टि पब्लिकेशन्स की ‘सामान्य ज्ञान’ (दृष्टि G.K.) तथा ‘वन डे मैजिक सीरीज़’ जैसी पुस्तकों जैसी पुस्तकों को अपनी अध्ययन सामग्री में शामिल कर सकते हैं।
संबंधित विषय :
अपने विषय में मौलिक अवधारणाओं और सिद्धांतों की स्पष्ट समझ सुनिश्चित करें। विषय विशिष्ट का बेहतर ज्ञान BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा परिणामों की सफलता सूची में अपना नाम सुनिश्चित करने में एक निर्णायक कारक है। यह एक प्रतियोगी परीक्षा है, इसलिये अभ्यर्थियों के लिये यह आवश्यक है की वे स्वयं द्वारा निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार प्रामाणिक पुस्तकों तथा पाठ्यसामग्री का अध्ययन करें और संबंधित विषयों के बहुविकल्पीय प्रश्नों(MCQs) का दैनिक अभ्यास करें। इसके अतिरिक्त, विगत वर्ष के प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करना भी महत्त्वपूर्ण है ताकि अभ्यर्थी आसानी से परीक्षा पद्धति को समझ सके और यह निर्धारित कर सके कि कौन-सा बिंदु (टॉपिक) दूसरे की तुलना में अधिक प्रासंगिक तथा परीक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
पाठ्यपुस्तकों, ऑनलाइन संसाधनों या विषय विशेषज्ञों के परामर्श के माध्यम से किसी भी संदेह या अस्पष्ट अवधारणाओं को स्पष्ट करने हेतु सहायता लें। प्रत्येक विषय के अध्ययन के लिये उसके भारांश और जटिलता स्तर के आधार पर समय-सारिणी में समय निर्धारित करें। चुने गए विषय से संबंधित NCERT पुस्तकों की गहन समीक्षा अवश्य करें। त्वरित रिवीज़न के लिये संक्षिप्त सारांश नोट्स तैयार करें। रिवीज़न के दौरान कमज़ोर विषयों पर अधिक ध्यान दें।
भारांश समीक्षा : प्रश्नपत्रों में प्रश्नों के भारांश और कठिनाई स्तर पर विचार करते हुए एक समय-सारिणी बनाएँ। प्रश्नपत्र में परंपरागत रूप से अधिक भारांश वाले बिन्दुओं की पहचान करें और उनमें गहन समझ विकसित करने तथा उनकी बेहतर तैयारी के लिये अधिक समय आवंटित करें। इसके लिये आप विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों की सहायता भी ले सकते हैं।
प्रासंगिक अध्ययन सामग्री का निर्धारण : अपनी निर्धारित समय-सारिणी में स्पष्ट रूप से रेखांकित करें कि विगत वर्षों के प्रश्नपत्र, टेस्ट सीरीज़ और अन्य प्रासंगिक अध्ययन सामग्री का उपयोग कब करना है। मॉक टेस्ट का अभ्यास, जिसमें पूर्ण टेस्ट, अध्यायवार टेस्ट और विषय विशिष्ट टेस्ट सम्मिलित हों, आपकी तैयारी को मज़बूत आधार प्रदान करेगा तथा अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में परीक्षा में आपके प्रदर्शन तथा परीक्षा परिणाम को बेहतर करने में आपकी सहयता करेगा।
नोट : विस्तृत पाठ्यक्रम BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। अतः अभ्यर्थियों को यह सलाह दी जाती है कि आप पाठ्यक्रम में होने वाले किसी भी बदलाव की सूचना के लिये नियमित रूप से आधिकारिक वेबसाइट को चेक करते रहें।