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अवलोकन

एक कॅरियर विकल्प के रूप में शिक्षण को पूरे भारत में व्यापक लोकप्रियता हासिल है, एक आदर्श शिक्षक राष्ट्र निर्माता के रूप में देश के उज्ज्वल भविष्य को निर्मित करता है। केंद्र-स्तरीय विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिये आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के समान ही राज्य-स्तरीय विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिये आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाएँ भी लोकप्रिय हैं। हरियाणा में, शिक्षण को कॅरियर के रूप में सम्मानजनक स्थान प्राप्त है इसलिये यहाँ राज्य स्तर पर शिक्षक बनने के लिये आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाएँ राज्य के मूल निवासियों के साथ-साथ अन्य राज्यों के अर्ह अभ्यर्थियों को भी आकर्षित करती हैं। इस खंड में, हम 'हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा' (HTET) पर चर्चा करेंगे, जिसमें परीक्षा पद्धति, HTET के तहत PRT, TGT और PGT पदों की विस्तृत रणनीति तथा पाठ्यक्रम पर चर्चा की जाएगी।

परीक्षा पद्धति (एग्ज़ाम पैटर्न)

स्तर-1 : प्राथमिक शिक्षक (PRT) कक्षा I-V
क्र. सं. भाग प्रश्नों की संख्या (MCQs) अंक
1. बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र 30 30
2. भाषाएँ (हिंदी -15 MCQs , अंग्रेज़ी-15 MCQs ) 30 30
3. सामान्य अध्ययन (मात्रात्मक अभिक्षमता -10 MCQs, तार्किक योग्यता -10 MCQs तथा हरियाणा G.K. एवं सामान्य जागरूकता – 10 MCQs) 30 30
4. गणित 30 30
5. पर्यावरण अध्ययन 30 30
कुल 150 150


  • प्राथमिक शिक्षक परीक्षा का केवल एक पेपर होगा, जिसमें सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे, प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा तथा गलत उत्तरों के लिये कोई ऋणात्मक अंकन नहीं किया जाएगा। प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प होंगे, जिनमें से केवल एक ही सही उत्तर होगा।
  • परीक्षा अवधि : 2 घंटे 30 मिनट

प्रश्नों की प्रकृति एवं मानक

  • बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के प्रश्न 6-11 वर्ष की आयु वर्ग के लिये शिक्षण व अधिगम से संबंधित शैक्षणिक मनोविज्ञान पर आधारित होंगे। उनमें विविध पृष्ठभूमि से संबंधित अभ्यर्थियों की विशेषताओं और आवश्यकताओं को समझने, अभ्यर्थियों के साथ बातचीत जारी रखने और अधिगम के लिये एक अच्छे सुविधाप्रदाता के रूप में उनकी विशेष जरूरतों और गुणों को समझने पर बल दिया जाएगा।
  • भाषाओं (हिंदी और अंग्रेज़ी) से संबंधित प्रश्न शिक्षा के माध्यम (निर्देशों की भाषा) से संबंधित दक्षताओं पर केंद्रित होंगे।
  • मात्रात्मक अभिक्षमता, तार्किक योग्यता और हरियाणा राज्य से संबंधित सामान्य ज्ञान व सामान्य जागरूकता के प्रश्न मुख्यतः मानसिक और तार्किक अभिक्षमता तथा हरियाणा राज्य से संबंधित सामान्य ज्ञान के मुद्दों पर केंद्रित होंगे।
  • गणित और पर्यावरण अध्ययन से संबंधित प्रश्न मूलभूत अवधारणाओं, समस्या-समाधान क्षमताओं और विषयों की शैक्षणिक समझ पर आधारित होंगे। इन सभी विषयक्षेत्रों में प्रश्न शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा कक्षा I-V के लिये निर्धारित उस विषय के पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रभागों में समान रूप से वितरित किये जाएंगे।
  • हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा के स्तर-1 के लिये आयोजित की जाने वाली परीक्षा के प्रश्न कक्षा I-V के लिये निर्धारित पाठ्यक्रम के विषयों पर आधारित होंगे, लेकिन उनकी कठिनाई का स्तर माध्यमिक स्तर तक हो सकता है।


  • स्तर-2 : प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) कक्षा VI-VIII
    क्र. सं. भाग प्रश्नों की संख्या (MCQs) अंक
    1. बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र 30 30
    2. भाषाएँ (हिंदी -15 MCQs , अंग्रेजी-15 MCQs ) 30 30
    3. सामान्य अध्ययन (मात्रात्मक अभिक्षमता -10 MCQs, तार्किक योग्यता -10 MCQs तथा हरियाणा G.K. एवं सामान्य जागरूकता – 10 MCQs) 30 30
    4. विषय विशिष्ट (चुने गए विकल्प के अनुसार) 60 60
    कुल 150 150


  • TGT परीक्षा में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे, प्रत्येक प्रश्न एक अंक होगा तथा गलत उत्तरों के लिये कोई ऋणात्मक अंकन नहीं किया जाएगा। प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प होंगे, जिनमें से केवल एक ही सही उत्तर होगा।
  • परीक्षा अवधि : 2 घंटे 30 मिनट

प्रश्नों की प्रकृति एवं मानक

  • बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के प्रश्न 11-16 वर्ष की आयु वर्ग के लिये शिक्षण व अधिगम से संबंधित शैक्षणिक मनोविज्ञान पर आधारित होंगे। उनमें विविध पृष्ठभूमि से संबंधित अभ्यर्थियों की विशेषताओं और आवश्यकताओं को समझने, अभ्यर्थियों के साथ बातचीत जारी रखने और अधिगम के लिये एक अच्छे सुविधाप्रदाता के रूप में उनकी विशेष जरूरतों और गुणों को समझने पर बल दिया जाएगा।
  • भाषाओं (हिंदी और अंग्रेज़ी) से संबंधित प्रश्न 11-16 वर्ष के आयु वर्ग के लिये शिक्षा के माध्यम(निर्देशों की भाषा) से संबंधित दक्षताओं पर केंद्रित होंगे।
  • मात्रात्मक अभिक्षमता, तार्किक योग्यता और हरियाणा राज्य से संबंधित सामान्य ज्ञान व सामान्य जागरूकता के प्रश्न मुख्यतः मानसिक और तार्किक अभिक्षमता तथा हरियाणा राज्य से संबंधित सामान्य ज्ञान के मुद्दों पर केंद्रित होंगे।
  • विषय-विशिष्ट से संबंधित प्रश्न इन विषयों की मूलभूत अवधारणाओं, समस्या-समाधान क्षमताओं और विषयों की शैक्षणिक समझ पर आधारित होंगे। इन सभी विषयक्षेत्रों में प्रश्न शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा कक्षा VI-X के लिये निर्धारित उस विषय के पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रभागों में समान रूप से वितरित किये जाएंगे।
  • हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा के स्तर-2 के लिये आयोजित की जाने वाली परीक्षा के प्रश्न हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कक्षा VI-X के लिये निर्धारित पाठ्यक्रम के विषयों पर आधारित होंगे, लेकिन उनकी कठिनाई का स्तर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक का हो सकता है।


  • स्तर-3 : स्नातकोत्तर शिक्षक(PGT) कक्षा IX-XII
    क्र. सं. भाग प्रश्नों की संख्या (MCQs) अंक
    1. बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र 30 30
    2. भाषाएँ (हिंदी -15 MCQs , अंग्रेज़ी-15 MCQs ) 30 30
    3. सामान्य अध्ययन (मात्रात्मक अभिक्षमता -10 MCQs, तार्किक योग्यता -10 MCQs तथा हरियाणा G.K. एवं सामान्य जागरूकता – 10 MCQs) 30 30
    4. विषय विशिष्ट (चुने गए विकल्प के अनुसार) 60 60
    कुल 150 150


  • PGT परीक्षा में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे, प्रत्येक प्रश्न एक अंक होगा तथा गलत उत्तरों के लिये कोई ऋणात्मक अंकन नहीं किया जाएगा। प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प होंगे, जिनमें से केवल एक ही सही उत्तर होगा।
  • परीक्षा अवधि : 2 घंटे 30 मिनट

प्रश्नों की प्रकृति एवं मानक

  • बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के प्रश्न 14-17 वर्ष की आयु वर्ग के लिये शिक्षण व अधिगम से संबंधित शैक्षणिक मनोविज्ञान पर आधारित होंगे। उनमें विविध पृष्ठभूमि से संबंधित अभ्यर्थियों की विशेषताओं और आवश्यकताओं को समझने, अभ्यर्थियों के साथ बातचीत जारी रखने और अधिगम के लिये एक अच्छे सुविधाप्रदाता के रूप में उनकी विशेष जरूरतों और गुणों को समझने पर बल दिया जाएगा।
  • भाषाओं (हिंदी और अंग्रेज़ी) से संबंधित प्रश्न 14-17 वर्ष के आयु वर्ग के लिये शिक्षा के माध्यम(निर्देशों की भाषा) से संबंधित दक्षताओं पर केंद्रित होंगे।
  • मात्रात्मक अभिक्षमता, तार्किक योग्यता और हरियाणा राज्य से संबंधित सामान्य ज्ञान व सामान्य जागरूकता के प्रश्न मुख्यतः मानसिक और तार्किक अभिक्षमता तथा हरियाणा राज्य से संबंधित सामान्य ज्ञान के मुद्दों पर केंद्रित होंगे।
  • विषय-विशिष्ट से संबंधित प्रश्न इन विषयों की मूलभूत अवधारणाओं, समस्या-समाधान क्षमताओं और विषयों की शैक्षणिक समझ पर आधारित होंगे। इन सभी विषयक्षेत्रों में प्रश्न शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा कक्षा IX-XII के लिये निर्धारित उस विषय के पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रभागों में समान रूप से वितरित किये जाएंगे।
  • हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा के स्तर-3 के लिये आयोजित की जाने वाली परीक्षा के प्रश्न हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड कक्षा IX-XII के लिये निर्धारित पाठ्यक्रम के विषयों पर आधारित होंगे, लेकिन उनकी कठिनाई का स्तर स्नातकोत्तर स्तर तक का हो सकता है।



रणनीति एवं पाठ्यक्रम

सफलता को लक्ष्य बनाने वाले अभ्यर्थियों के लिये परीक्षा से पहले एक रणनीतिक दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है, जो समय प्रबंधन, विषयों की प्राथमिकता, तनाव में कमी और संसाधनों के इष्टतम उपयोग जैसे तत्त्वों को भी सम्मिलित करता है। यह दृष्टिकोण समय के विवेकपूर्ण विभाजन में सहायता करता है, जिससे परीक्षा के विभिन्न खंडों पर पूरा ध्यान केंद्रित हो सके। मुख्य विषयों को प्राथमिकता देने तथा अभ्यर्थियों को परीक्षा पद्धति से परिचित कराकर उन्हें चिंता मुक्त करने में मदद मिलती है। यह संसाधनों के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देता है, उत्पादक पुनरीक्षण की सुविधा देता है तथा लक्ष्य-निर्धारण और अनुकूल पद्धतियों के माध्यम से आत्मविश्वास पैदा करता है। संक्षेप में, यह रणनीति अभ्यर्थियों को आत्मविश्वास के साथ परीक्षाओं का सामना करने हेतु सशक्त बनाती है, जिससे विभिन्न परीक्षा परिस्थितियों में उनका प्रदर्शन बेहतर होता है। इसे पहचानते हुए, हमने हरियाणा राज्य में आयोजित होने वाली महत्त्वपूर्ण विद्यालय स्तरीय शिक्षण परीक्षाओं के लिये व्यापक रणनीतियाँ विकसित की हैं। । हमें विश्वास है कि इन रणनीतियों को अपनाने और लागू करने से, न केवल अभ्यर्थियों की परीक्षा उत्तीर्ण करने की संभावनाओं में वृद्धि होगी बल्कि उन्हें अधिक अंक प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।


HTET PRT HTET TGT HTET PGT

HTET प्राथमिक शिक्षक (PRT)

प्राथमिक शिक्षक (PRT) पद के लिये हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (HTET) की तैयारी हेतु एक सुव्यवस्थित और परीक्षा केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। इस परीक्षा की प्रभावी ढंग से तैयारी करने में आपकी मदद करने के लिये यहाँ एक व्यापक रणनीति दी गई है, जो निम्नलिखित है-

  • HTET PRT परीक्षा पद्धति के सभी पक्षों जैसे-अनुभागों, प्रश्नों की संख्या, अंकन योजना और परीक्षा की अवधि आदि का ध्यान रखें। इस परीक्षा में आने वाले सभी विषयों की पहचान करने के लिये आधिकारिक पाठ्यक्रम का अच्छी तरह से अध्ययन करें। आपकी सहायता के लिये हम यहाँ विस्तृत पाठ्यक्रम भी प्रदान करेंगे।
  • एक सुनियोजित और प्रभावी अध्ययन योजना बनाकर सभी विषयों और टॉपिक्स को तय समय-सीमा के अंदर कवर करने का प्रयास करें। प्रत्येक विषय के लिये विशिष्ट समय स्लॉट निर्धारित करें और उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दें जहाँ आपको अधिक सुधार की आवश्यकता है।
  • पाठ्यपुस्तकें, संदर्भ पुस्तकें, विगत वर्षों के प्रश्नपत्र और ऑनलाइन संसाधनों सहित प्रासंगिक अध्ययन सामग्री एकत्र करें। परीक्षा संचालन प्राधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए आधिकारिक प्रकाशनों और सामग्रियों का उपयोग करें।
  • बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र अनुभाग पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि यह परीक्षा का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। शिक्षण और अधिगम के मनोवैज्ञानिक पहलुओं के साथ-साथ विविध पृष्ठभूमियों से आने वाले अभ्यर्थियों की विशेषताओं और उनकी विशेष आवश्यकताओं को समझें।
  • हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा में अपनी दक्षता बढ़ाएँ, क्योंकि भाषा दक्षता HTET PRT परीक्षा का एक प्रमुख घटक है। इस खंड के लिये नियमित रूप से समाचार पत्रों, सम्पादकीय आदि को पढ़े, समझें और भाषा से संबंधित प्रश्नों का अभ्यास करें।
  • नियमित अभ्यास के माध्यम से अपनी विषय से संबंधित योग्यता और तर्कशक्ति को मज़बूत करें। समस्या-समाधान तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करें तथा अपनी गति और सटीकता में सुधार करें।
  • गणित और पर्यावरण अध्ययन के लिये , मौलिक अवधारणाओं और शैक्षणिक समझ पर ध्यान केंद्रित करें। इन विषयों के लिये हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करें।
  • हरियाणा राज्य से संबंधित सामान्य ज्ञान और सामान्य जागरूकता संबंधी मुद्दों को विशेष महत्त्व दें, क्योंकि यह आपकी परीक्षा का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिये यह आपके बेहतर प्रदर्शन के लिये विशेष महत्त्व रखता है।
  • परीक्षा के वातावरण में स्वयं को ढालने और अपनी तैयारी के स्तर का आकलन करने के लिये नियमित मॉक टेस्ट का अभ्यास करें। परीक्षा पैटर्न तथा उससे संबद्ध विषयों में पूछे जाने वाले प्रश्नों के स्तर को समझने के लिये विगत वर्षों के प्रश्नपत्रों को अवश्य हल करें।
  • अपनी तैयारी को सुदृढ़ करने के लिये कवर किये गए विषयों को नियमित रूप से दोहराएँ। प्रभावी समय प्रबंधन कौशल विकसित करें, विशेष रूप से परीक्षा के दौरान, यह सुनिश्चित करने के लिये कि आप सभी अनुभागों को निर्धारित समय सीमा में पूरा कर सकें।



HTET PRT के लिये विस्तृत पाठ्यक्रम इस प्रकार है :

भाग-1 : बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र

(A)

  • विकास की अवधारणा एवं अधिगम के साथ इसका संबंध, बच्चों के विकास के सिद्धांत, पर्यावरण एवं आनुवंशिकता का प्रभाव।
  • समाजीकरण की प्रक्रिया : बच्चे एवं सामाजिक दुनिया (शिक्षक, अभिभावक, समकक्ष लोग)।
  • पियाजे, कोहलबर्ग और वायगोत्स्की : निर्माण एवं आलोचनात्मक दृष्टिकोण।
  • बाल केंद्रित एवं प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा, बुद्धि निर्माण का आलोचनात्मक दृष्टिकोण, बहु-आयामी बुद्धि, भाषा एवं विचार, सामाजिक संरचना के रूप में लिंग, लिंग भूमिका, लिंग-विभेद एवं शैक्षिक व्यवहार, अधिगमकर्त्ताओं में वैयक्तिक भिन्नताएँ, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता आधारित विभिन्नताओं को समझना। अधिगम का आकलन और अधिगम के लिये आकलन में भेद, विद्यालय आधारित आकलन।
  • सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन : दृष्टिकोण एवं अभ्यास।
  • अधिगमकर्त्ता के तत्परता स्तर के आकलन के लिये, कक्षा में आलोचनात्मक चिंतन एवं अधिगम बढ़ाने के लिये तथा अधिगमकर्त्ता की उपलब्धि के आकलन के लिये उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।

(B)

समावेशी शिक्षा की अवधारणा एवं विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को समझना :

  • वंचित सहित विविध पृष्ठभूमि वाले अधिगमकर्त्ताओं का संबोधन।
  • अधिगम में कठिनाई, क्षीणता आदि वाले बच्चों की आवश्यकताओं का संबोधन।
  • प्रतिभावान, रचनात्मक, विशेष रूप से सक्षम अधिगमकर्त्ताओं को संबोधित करना।

अधिगम एवं शिक्षाशास्त्र :

  • बच्चे कैसे सोचते एवं सीखते हैं, क्यों और कैसे बच्चे विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में ‘असफल’ होते हैं।
  • शिक्षण और अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएँ, बच्चों के सीखने की अभिविधियाँ, एक सामाजिक गतिविधि के रूप में अधिगम, अधिगम का सामाजिक संदर्भ।
  • एक समस्या समाधानकर्त्ता और वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बच्चे।
  • बच्चों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पनाएँ, बच्चों की ‘त्रुटियों’ को अधिगम प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण सोपान के रूप में समझना।
  • संज्ञान एवं भावनाएँ।
  • अभिप्रेरणा एवं अधिगम।
  • अधिगम में योगदान करने वाले कारक- व्यक्तिगत एवं पर्यावरणीय।

भाग-2 : भाषा

(A) भाषा-I (हिंदी)

भाषा बोध के प्रश्न :

  • अपठित गद्याश/पद्यांश- बोध, अनुमान, व्याकरण और शाब्दिक योग्यता पर आधारित प्रश्नों वाले दो लेखांश एक गद्य/नाटक पर और एक पद्य पर आधारित (गद्यांश साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक या तार्किक हो सकता है)

भाषा विकास का शिक्षाशास्त्र के प्रश्न :

  • अधिगम एवं अधिग्रहण, भाषा शिक्षण के सिद्धांत, सुनने एवं बोलने की भूमिका, भाषा का कार्य और बच्चे इसे एक उपकरण के रूप में किस प्रकार प्रयोग करते है; मौखिक तथा लिखित रूप में विचारों को संप्रेषित करने के लिये भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका पर समालोचनात्मक दृष्टिकोण, विविधतापूर्ण कक्षा में भाषा शिक्षण की चुनौतियाँ; भाषा की कठिनाइयाँ, त्रुटियाँ एवं विकार, भाषा कौशल।
  • भाषा बोध और दक्षता का मूल्यांकन : बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना।
  • शिक्षण-अधिगम सामग्री : अधिगम सामग्री- पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा के बहुभाषी संसाधन, उपचारात्मक शिक्षण।

(B) Language-II (English)

  • Language Comprehension Questions :
    • Two unseen prose passages (Discursive or Literary or Narrative or Scientific) with question on comprehension, grammar and verbal ability.
  • Pedagogy of Language Development Questions :
    • Learning and acquisition, Principles of language Teaching, Role of listening and speaking; Functions of language and how children use it as a tool, Critical perspective on the role of grammar in learning a language for communicating ideas verbally and in written form; Challenges of teaching language in a diverse classroom; Language difficulties, errors and disorders, Language skills.
  • Evaluating Language Comprehension and Proficiency : Speaking, Listening, Reading and Writing.
  • Teaching-Learning materials : Learning materials- Textbook, Multi-media materials, Multilingual resource of the classroom, Remedial Teaching.

भाग-3 : सामान्य अध्ययन

  1. हरियाणा से संबंधित इतिहास, समसामयिक मुद्दे, साहित्य, भूगोल, नागरिकशास्त्र, पर्यावरण, संस्कृति, कला, परंपराएँ एवं हरियाणा सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ।
  2. सामान्य बुद्धिमता एवं तार्किक योग्यता :
    • इसमें शाब्दिक और गैर-शाब्दिक दोनों प्रकार के प्रश्न शामिल होंगें, जो हैं - सादृश्यता, समानताएँ और अंतर, स्थानिक दृश्यता, स्थानिक अभिविन्यास, समस्या का समाधान, विश्लेषण, निर्णय, दृश्य स्मृति, विभेदन, कथन, संबंध अवधारणाएँ, अंकगणितीय तर्क और चित्रात्मक वर्गीकरण, अंकगणितीय संख्या शृंखला, गैर-शाब्दिक शृंखला, कूटलेखन-कूटवाचन, कथन निष्कर्ष, न्याय निगमन, तर्कपूर्ण आधार।
    • विषय है : शब्दार्थगत सादृश्यता, प्रतीकात्मक/संख्या सादृश्य, चित्रात्मक सादृश्य, शब्दार्थगत वर्गीकरण, प्रतीकात्मक/संख्या वर्गीकरण, चित्रात्मक वर्गीकरण, शब्दार्थगत शृंखला, संख्या शृंखला, चित्रात्मक शृंखला। समस्या का समाधान, शब्द निर्माण, कूटलेखन-कूटवाचन, संख्यात्मक संचालन। प्रतीकात्मक संचालन, रूझान, स्थानिक अभिविन्यास, स्थानिक दृश्यता, वेन आरेख, निष्कर्ष निकालना, छिद्रित छेद/डिज़ाइन नमूना मोड़ना और खोलना, आकृति पैटर्न-मोड़ना और पूर्णता, अनुक्रमण, पता मिलान, दिनांक और शहर मिलान, केंद्र कोड/रोल नंबर का वर्गीकरण, छोटे और बड़े अक्षर/संख्या कोडिंग, डिकोडिंग और वर्गीकरण, अंतर्निहित आँकड़े, आलोचनात्मक सोच, भावनात्मक बुद्धिमता, सामाजिक बुद्धिमता।
  3. संख्यात्मक अभिक्षमता : अभ्यर्थियों की संख्या एवं संख्या बोध के उपयुक्त उपयोग की क्षमता का परीक्षण करने के लिये प्रश्न तैयार किये जाएंगे। इस परीक्षा में पूर्ण संख्या, दशमलव, भिन्नों एवं संख्याओं के बीच संबंध, प्रतिशत, अनुपात तथा समानुपात, वर्गमूल, औसत, ब्याज, लाभ तथा हानि, छूट, साझेदारी व्यवसाय, मिश्रण एवं आरोपण, समय और दूरी, समय और कार्य, विद्यालय बीजगणित की मूल बीजगणितीय पहचान एवं प्राथमिक करणी, रैखिक समीकरणों का रेखांकन, त्रिभुज और इसके विभिन्न प्रकार के केंद्र, त्रिभुजों की सर्वांगसमता एवं समरूपता, वृत्त और उसकी जीवाएँ, स्पर्श रेखा, एक वृत्त की जीवा द्वारा उपनिर्मित कोण, दो या दो से अधिक वृत्तों की सामान्य स्पर्श रेखाएँ, त्रिभुज, चतुर्भुज, सम बहुभुज, वृत्त, समकोण प्रिज्म, लंब वृत्तीय शंकु, लंब वृत्तीय बेलन, गोला, गोलार्द्ध, आयताकार समांतर षटफलक, त्रिभुज या वर्ग आधार वाले सामान्य समकोण पिरामिड, त्रिकोणमितीय अनुपात, डिग्री एवं रेडियन माप, मानक पहचान, पूरक कोण, ऊँचाई तथा दूरी, हिस्टोग्राम, बारंबारता बहुभुज, बार आरेख और पाई चार्ट आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।

भाग-4 : विषय-विशिष्ट

  1. गणित विषयवस्तु : ज्यामिति, आकार एवं स्थानिक समझ, हमारे चारों ओर ठोस, संख्याएँ, जोड़ तथा घटाव, गुणा, भाग, माप, वजन, समय, आयतन, आँकड़ा प्रबंधन, पैटर्न, मुद्रा।शैक्षणिक मुद्दे : गणित की प्रकृति/तार्किक सोच, बच्चों की सोच एवं तर्क पैटर्न को समझना तथा अर्थ बनाने और सीखने की रणनीतियाँ, पाठ्यक्रम में गणित का स्थान, गणित की भाषा, सामुदायिक गणित, औपचारिक तथा अनौपचारिक विधियों के माध्यम से मूल्यांकन, शिक्षण की समस्याएँ, त्रुटि विश्लेषण और सीखने एवं सिखाने के संबंधित पहलू, निदान और उपचारात्मक शिक्षण।
  2. पर्यावरण अध्ययन विषयवस्तु : परिवार तथा मित्र : संबंध, काम और खेल, जंतु, पादप। खाद्य पदार्थ, आश्रय, पानी, यात्रा, चीजें जो हम बनाते हैं और करते हैं।
    • परिवार तथा मित्र : संबंध, कार्य और खेल, जंतु, पादप। खाद्य पदार्थ, आश्रय, पानी, यात्रा, चीजें जो हम बनाते हैं और करते हैं।
    • शैक्षणिक मुद्दे : पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा, कार्यक्षेत्र तथा महत्त्व, एकीकृत पर्यावरण अध्ययन, पर्यावरण अध्ययन और पर्यावरण शिक्षा, अधिगम के सिद्धांत, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान का कार्यक्षेत्र तथा संबंध, अवधारणाओं को प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण, क्रियाविधियाँ, प्रयोगात्मक/व्यावहारिक कार्य, विचार-विमर्श, सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन, शिक्षण सामग्री/सहायक उपकरण, समस्याएँ

नोट : HTET स्तर-1 (PRT) के लिये प्रश्नों का कठिनाई स्तर माध्यमिक स्तर तक का होगा।

विषय : स्तर-1 (PRT) के लिये प्रश्न हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 1 से 5वीं के निर्धारित पाठ्यक्रम के विषयों पर आधारित होंगे।


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