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अवलोकन

वर्तमान में शिक्षण भारत में सर्वाधिक प्रचलित कॅरियर विकल्प के रूप में केंद्र और राज्य/संघ राज्यक्षेत्र दोनों स्तरों पर लोकप्रिय है। संघ राज्यक्षेत्र दिल्ली के पास एक पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं होने के बावजूद, दिल्ली सरकार के अधीन विद्यालयों में शिक्षण पदों हेतु दिल्ली और इसके अन्य पड़ोसी राज्यों के युवाओं में इसे लेकर आकर्षण अधिक है। इस आकर्षण का श्रेय दिल्ली की केंद्रीय स्थिति और संबंधित नौकरी में मिलने वाली सुविधाओं जैसे कारकों को दिया जाता है, जिससे यहाँ शिक्षक का पद शिक्षा के क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों की तलाश करने वाले अभ्यर्थियों के लिये एक आकर्षक कॅरियर विकल्प बन जाता है। संघ राज्यक्षेत्र दिल्ली में शिक्षक भर्ती के लिये प्राथमिक संस्था के रूप में, दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) प्राथमिक शिक्षक (PRT), प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) और स्नातकोत्तर शिक्षक (PGT) पदों हेतु परीक्षा का आयोजन कराता है। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थी की विषय संबंधी समझ, शिक्षण पद्धति और सामान्य योग्यता का आकलन किया जाता है। इस भाग में हम DSSSB द्वारा PRT, TGT और PGT पदों के लिये आयोजित परीक्षाओं की पद्धति और रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।




परीक्षा पद्धति (एग्ज़ाम पैटर्न)



DSSSB प्राथमिक शिक्षक (PRT)
क्र. सं. भाग प्रश्नों की संख्या (MCQs) अंक अवधि
भाग-I 2 घंटे
1. मानसिक योग्यता और तर्कशक्ति 20 20
2. सामान्य जागरूकता 20 20
3. अंग्रेज़ी भाषा एवं बोधगम्यता 20 20
4. हिंदी भाषा एवं बोधगम्यता 20 20
5. संख्यात्मक अभिक्षमता और आँकड़ों की व्याख्या 20 20
भाग-II
6. पद के लिये आवश्यक योग्यता और शिक्षण पद्धति से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न 100 100
कुल 200 200

नोट : प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 0.25 अंक (1/4 अंक) का ऋणात्मक अंकन होगा।



DSSSB प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT)
क्र. सं. भाग प्रश्नों की संख्या (MCQs) अंक अवधि
भाग-I 2 घंटे
1. सामान्य जागरूकता 20 20
2. सामान्य बुद्धिमत्ता एवं तर्कशक्ति 20 20
3. गणितीय एवं संख्यात्मक अभिक्षमता 20 20
4. हिंदी भाषा एवं बोधगम्यता का परीक्षण 20 20
5. अंग्रेज़ी भाषा एवं बोधगम्यता का परीक्षण 20 20
भाग-II
6. चयनित विषय तथा उसकी शिक्षण विधि/बी.एड से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न 100 100
कुल 200 200

नोट : प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 0.25 अंक (1/4 अंक) का ऋणात्मक अंकन होगा।



DSSSB स्नातकोत्तर शिक्षक (PGT)
क्र. सं. भाग प्रश्नों की संख्या (MCQs) अंक अवधि
भाग-I 3 घंटे
1. मानसिक योग्यता और तर्कशक्ति 20 20
2. सामान्य जागरूकता 20 20
3. अंग्रेज़ी भाषा एवं बोधगम्यता 20 20
4. हिंदी भाषा एवं बोधगम्यता 20 20
5. संख्यात्मक अभिक्षमता और आँकड़ों की व्याख्या 20 20
भाग-II
6. पद के लिये आवश्यक योग्यता और शिक्षण पद्धति से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न 200 200
कुल 300 300

नोट : प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 0.25 अंक (1/4 अंक) का ऋणात्मक अंकन होगा ।


रणनीति और पाठ्यक्रम

DSSSB द्वारा आयोजित शिक्षक परीक्षा में सफलता को लक्ष्य बनाने वाले अभ्यर्थियों के लिये एक व्यवस्थित परीक्षा-पूर्व दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है, जो समय प्रबंधन, विषयों की प्राथमिकता, तनाव में कमी और संसाधनों के इष्टतम उपयोग जैसे पहलुओं को ध्यान मे रखकर तैयार किया जाता है। यह रणनीति समय के विवेकपूर्ण विभाजन की सुविधा प्रदान करती है, जिससे परीक्षा के विभिन्न अनुभागों पर संतुलित रूप से ध्यान दिया जा सकता है। प्रमुख विषयों को प्राथमिकता देकर, यह अभ्यर्थियों को परीक्षा पैटर्न से परिचित कराकर तनावमुक्त रखने में मदद करता है। यह दृष्टिकोण संसाधनों के प्रभावी उपयोग को प्रोत्साहित करता है तथा लक्ष्य-निर्धारण और अनुकूल पद्धतियों के माध्यम से आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है। कुल मिलाकर, यह रणनीति अभ्यर्थियों को आत्मविश्वास के साथ परीक्षा का सामना करने हेतु सशक्त बनाती है, जिससे विभिन्न परीक्षा परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता में वृद्धि होती है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने DSSSB परीक्षा प्रश्नपत्र के सभी भागों के लिये व्यापक रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की है। हमारा मानना है कि इन रणनीतियों को अपनाकर, परीक्षार्थी न केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने की बल्कि अधिक अंक प्राप्त करने की संभावना में वृद्धि कर सकते हैं।


DSSSB PRT DSSSB TGT DSSSB PGT

DSSSB प्राथमिक शिक्षक (PRT)

DSSSB PRT परीक्षा में दो भाग होते हैं और दोनों भागों से वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा ऑनलाइन माध्यम में आयोजित की जाती है। प्रत्येक प्रश्न के लिये एक अंक निर्धारित है जबकि प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 0.25 अंक (1/4 अंक) का ऋणात्मक अंकन किया जाता है। अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी के लिये सीमित समय-सीमा की बाधा का सामना करना पड़ता है, इसलिये आवंटित समय-सीमा के भीतर सभी विषयों को प्रभावी ढंग से कवर करना और तैयार की गई विषयवस्तु के रिवीज़न के लिये कुछ समय निर्धारित करना महत्त्वपूर्ण है। एक प्रभावी व तार्किक अध्ययन समय-सारिणी तैयार करना और उसका पालन करना DSSSB PRT परीक्षा की तैयारी के लिये एक स्पष्ट मार्ग प्रदान कर सकता है। यह रणनीति अभ्यर्थियों को पाठ्यक्रम और उसमें उल्लिखित विषय के प्रत्येक भाग की तैयारी के लिये विवेकपूर्ण ढंग से समय आवंटित करने, रिवीज़न की योजना बनाने तथा अध्ययन सामग्री और संसाधनों के संबंध में स्पष्ट निर्णय लेने हेतु सक्षम बनाता है।

प्रश्नपत्र के प्रत्येक भाग हेतु विस्तृत अनुभाग-वार रणनीति निम्नलिखित है :

विस्तृत पाठ्यक्रम और कवरेज रणनीति :

  • पाठ्यक्रम तथा विषय के प्रत्येक भाग के गहन अध्ययन के लिये विशिष्ट समय स्लॉट निर्धारित करें तथा यह प्रयास करें कि संपूर्ण परीक्षा पाठ्यक्रम निर्धारित समय-सीमा में कवर किया जाए। सामान्य जागरूकता से संबंधित टॉपिक्स की व्यापकता को देखते हुए यह अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि आप अपने अध्ययन के कमज़ोर और मज़बूत पक्षों को समझकर बहुविकल्पीय प्रश्नों का यथासंभव अभ्यास करें। इस अनुभाग की बेहतर तैयारी तथा अधिक अंक प्राप्त करने के लिये आप दृष्टि पब्लिकेशन्स की सामान्य ज्ञान (दृष्टि G.K.) तथा वन डे मैजिक सीरीज़ की पुस्तकों को भी अपनी अध्ययन सामग्री में सम्मिलित कर सकते हैं। दूसरी तरफ मानसिक योग्यता एवं तर्कशक्ति की तैयारी के लिये आपको पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों में आए महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स पर यथासंभव अभ्यास करना आवश्यक होगा। इस खंड में प्रश्नों को समयबद्ध तरीके से हल करना अधिक महत्त्वपूर्ण है।
  • भाषा अनुभाग में उच्च अंक प्राप्त करने हेतु नई शब्दावली सीखने के लिये नियमित रूप से हिंदी और अंग्रेज़ी समाचार पत्रों को पढ़ने की आदत विकसित करें तथा प्रत्येक दिन समयबद्ध तरीके से अंग्रेज़ी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेज़ी में कम-से-कम 1-2 अनुच्छेदों का अनुवाद करें। यह अभ्यास, परीक्षा के समय प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी गति बढ़ाएगा और परीक्षा के दौरान सटीकता में सुधार करेगा।

भारांश समीक्षा : परीक्षा में पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों के विश्लेषण के माध्यम से पारंपरिक रूप से अधिक भारांश वाले बिंदुओं की पहचान करें और गहराई से समझने तथा उनकी बेहतर तैयारी के लिये अधिक समय दें।

अध्ययन सामग्री : अपनी समय-सारिणी में स्पष्ट रूप से रेखांकित करें कि अध्ययन सामग्री जैसे- विगत वर्षों के प्रश्नपत्र, टेस्ट सीरीज़ और अन्य प्रासंगिक संसाधनों का उपयोग कब करना है। DSSSB PRT मॉक टेस्ट, जिसमें पूर्ण टेस्ट, अध्यायवार और विषयवार टेस्ट सम्मिलित हैं; यह आपकी तैयारी को सुदृढ़ आधार प्रदान करने तथा अन्य अभ्यर्थियों के मुकाबले परीक्षा में आपके प्रदर्शन को बेहतर करने में सहायक होगा।

शिक्षण पद्धति : इस परीक्षा का यह खंड अभ्यर्थियों की शिक्षण पद्धतियों और शैक्षिक अवधारणाओं की समझ का आकलन करता है। बाल मनोविज्ञान, कक्षा प्रबंधन और संचार कौशल पर विशेष ध्यान दें। शैक्षिक दर्शन और शिक्षण-अधिगम की प्रक्रियाओं से खुद को परिचित करें। आलोचनात्मक विचार कौशल और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करें। मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों से अभ्यास करें। अपने प्रदर्शन का निरंतर विश्लेषण करें और उन क्षेत्रों की पहचान करें जिनमें सुधार की आवश्यकता है।





DSSSB PRT के लिये विस्तृत पाठ्यक्रम निम्नलिखित है :

मानसिक योग्यता एवं तर्कशक्ति

सादृश्यता, समानताएँ, अंतर, रिक्त स्थान, समस्या-समाधान, विश्लेषण, निर्णय, निर्णय लेना, दृश्य स्मृति, भेदभाव, अवलोकन, संबंध, अवधारणाएँ, अंकगणितीय तर्कशक्ति, मौखिक और आकृति वर्गीकरण, अंकगणितीय संख्या शृंखला आदि।

सामान्य जागरूकता

वर्तमान घटनाक्रम, दैनिक समाचारों का अवलोकन, इतिहास, राजव्यवस्था, खेल, कला और संस्कृति, भूगोल, अर्थशास्त्र, दैनिक विज्ञान, वैज्ञानिक अनुसंधान, राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय संगठन/संस्थाएँ आदि।

English Language and Comprehension

Understanding and comprehension of the English Languages, Sentence Structure, Word Power, Articles, Narrations, Prepositions, Punctuations, Comprehension, Fill in the Blanks. Adverb, Error Correction, Sentence Rearrangement, Vocabulary, Antonyms, Synonyms, Idioms, Verbs, Tenses, adjectives, modal, Voice, Subject-Verb Agreement.

हिंदी भाषा एवं बोधगम्यता

संज्ञा एवं संज्ञा के भेद, सर्वनाम एवं सर्वनाम के भेद, विशेषण एवं विशेषण के भेद, क्रिया एवं क्रिया के भेद, वचन, लिंग, उपसर्ग एवं प्रत्यय, वाक्य निर्माण (सरल, संयुक्त एवं मिश्रित वाक्य), पर्यायवाची, विपरीतार्थक, अनेकार्थक, समानार्थी शब्द, मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ, अलंकार, संधि, तत्सम, तद्भव, देशज एवं विदेशज शब्द, समास।

संख्यात्मक अभिक्षमता एवं आँकड़ों की व्याख्या

सरलीकरण, दशमलव, आँकड़ों की व्याख्या, भिन्न, ल.स.प., म.स.प., अनुपात और समानुपात, प्रतिशत, औसत, लाभ और हानि, छूट, साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज, क्षेत्रमिति, समय और कार्य, समय और दूरी, तालिकाएँ और ग्राफ आदि।

शिक्षण पद्धति

वृद्धि की अवधारणा, विकास के क्षेत्र, किशोरावस्था को समझना, प्राथमिक और द्वितीयक समाजीकरण संस्थाओं की भूमिका, अधिगम के सैद्धांतिक परिप्रेक्ष्य - व्यवहारवाद, संज्ञानात्मकता और रचनावाद, अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक और उनके निहितार्थ, शिक्षण अधिगम की योजना और संगठन, सुधार, शिक्षण अधिगम की प्रक्रियाएँ : कक्षा अवलोकन और प्रतिपुष्टि, रचनात्मक शिक्षण के साधन के रूप में विचार और संवाद, दिव्यांगता, निर्देशन और परामर्श, समावेशी शिक्षा, विद्यालय संगठन और नेतृत्व, NEP-2020; बच्चों का निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009; शिक्षा में राष्ट्रीय नीतियाँ, विद्यालय पाठ्यचर्या के सिद्धांत : परिप्रेक्ष्य, अधिगम और ज्ञान, पाठ्यचर्या क्षेत्र।

नोट : DSSSB द्वारा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर संबंधित विषयों का विस्तृत पाठ्यक्रम नहीं दिया गया है। हमारे द्वारा दिया गया पाठ्यक्रम DSSSB द्वारा अपनी परीक्षाओं में पूछे गए विगत वर्षों के प्रश्नों पर आधारित है।



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