प्रैक्टिस क्विज़
नया क्या है (View All)
- 11-Sep-25
[PGT]: Computer Science (19 Sept.)
- 11-Sep-25
[PGT]: Chemistry (March)
- 11-Sep-25
[PGT]: Commerce (March)
- 11-Sep-25
[PGT]: Chemistry (17 Sept.)
- 11-Sep-25
[PGT]: English (17 Sept.)
- 12-Sep-25
[CTET Paper-II (सामाजिक अध्ययन)]: पेपर -2 (12-09-2025)
- 12-Sep-25
[NVS TGT]: NVS TGT (12-09-2025)
- 12-Sep-25
[KVS TGT]: KVS TGT (12-09-2025)
- 12-Sep-25
[माध्यमिक विद्यालय अध्यापक]: माध्यमिक विद्यालय अध्यापक (12-09-2025)
- 12-Sep-25
[NTA UGC-NET Paper I]: पेपर -1 (12-09-2025)
नोटिफिकेशन (View All)
- 11-Sep-25
DSSSB PRT Recruitment 2025 - Detailed Advertisement
Notification
- 10-Sep-25
Bihar STET 2025 - Short Notification
Notification
- 10-Sep-25
Jharkhand Eligibility Test (JET) 2025 - Detailed Notification
Notification
- 10-Sep-25
Himachal Pradesh TET 2025 Official Notification
Notification
- 10-Sep-25
BPSC AEDO 2025 - Detailed Advertisement
Notification
- 04-Sep-25
UPPSC सहायक आचार्य परीक्षा 2025 - विस्तृत विज्ञापन
notification
- 04-Sep-25
BPSC TRE 4.0 Exam Date Announced – Official Update!
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- 04-Sep-25
UPPSC Assistant Professor 2025 (Govt. Degree College) Abridged Advertisement
notification
- 01-Sep-25
RPSC Senior Teacher (TGT) 2024 Exam Date – Check Official Schedule
notification
- 29-Aug-25
RPSC School Lecturer (PGT) Agriculture 2025 – Detailed Notification
notification
- 21-Aug-25
DSSSB TGT CS Vacancies Out | RTI Update
notification
- 19-Aug-25
EMRS Raigarh (CG) Part-Time Guest Teacher Vacancy 2025
notification
- 12-Aug-25
UPPSC GIC Lecturer Detailed Notification 2025
notification
- 12-Aug-25
UPPSC GIC Lecturer 2025 Short Advertisement
notification
- 07-Aug-25
CTET Updated FAQs 2025
Official Notification
- 06-Aug-25
Marks released and e-dossier called for PGT (Economics)-Male, Post Code 80923, DOE & NDMC.
notification
- 04-Aug-25
DSSSB TGT Special Education Teacher Detailed Advertisement
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- 01-Aug-25
HTET Level-3 Provisional Answer Key 2024
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- 01-Aug-25
HTET Level-2 Provisional Answer Key 2024
notification
- 01-Aug-25
HTET Level-1 Provisional Answer Key 2024
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- 30-Jul-25
UP Aided Colleges TGT/PGT Vacancy Data Requested by Directorate
Official Notification
- 30-Jul-25
Samagra Shiksha, Chandigarh | JBT Advertisement 2025
Official Notification
- 28-Jul-25
UP LT Grade 2025 विस्तृत विज्ञापन
Official Notification
- 28-Jul-25
EMRS Recruitment 2025 | Response to Parliamentary Question
Official Notification
- 25-Jul-25
WBSSC Notifies Exam Dates for 2nd SLST 2025
Official Notification
- 25-Jul-25
UP TGT Exam-UPTET Update
Official Notification
- 24-Jul-25
KVS-NVS School Vacancies State-UT-Wise – Parliament Response
Official Notification
- 23-Jul-25
RPSC Grade-2 Senior Teacher Detailed Notification 2025 Released
Official Notification
- 23-Jul-25
RPSC Grade-1 School Lecturer Detailed Notification 2025 Released
Official Notification
- 22-Jul-25
Declaration of results of UGC-NET June 2025
Official Notification
- 21-Jul-25
UP LT Grade Short Advertisement 2025
Official Notification...
- 06-Jun-25
UGC-NET June 2025 Exam Schedule
UGC-NET June 2025 Exam Schedule
- 20-Dec-24
UGC-NET दिसंबर 2024 : परीक्षा कार्यक्रम
Official Notification
- 12-Dec-24
REET 2024 विज्ञापन
Official Notification
- 20-Nov-24
UGC-NET दिसंबर 2024 - ऑनलाइन आवेदन
Official Notification
- 17-Sep-24
CTET दिसंबर 2024 : सूचना बुलेटिन
CTET दिसंबर 2024 : सूचना बुलेटिन
- 12-Sep-24
UGC-NET जून 2024 - आंसर-की चैलेंज (27 अगस्त - 5 सितंबर)
Official Notification
- 09-Sep-24
UGC-NET जून 2024 - आंसर-की चैलेंज (21-23 अगस्त)
Official Notification
- 02-Aug-24
UGC-NET जून 2024 - परीक्षा कार्यक्रम
Official Notification
- 01-Aug-24
CTET जुलाई 2024 : परिणाम के संबंध में सार्वजनिक सूचना
Official Notification
- 01-Jul-24
UGC-NET जून 2024 की संशोधित तिथि
Official Notification
- 20-Jun-24
UGC-NET जून 2024 रद्द
Official Notification
- 07-Jun-24
UGC-NET जून 2024 : परीक्षा शहरों का आबंटन
UGC NET June 2024
- 07-Jun-24
CTET जुलाई 2024 : सूचना बुलेटिन
CTET
कॉन्सेप्ट कार्ड
आर्य समाज
- 1875 में दयानंद सरस्वती ने बंबई में आर्य समाज की स्थापना की। 1877 में आर्य समाज का मुख्यालय लाहौर में स्थापित किया गया।
- आर्य समाज की स्थापना का उद्देश्य हिंदू धर्म में व्याप्त दोषों को उजागर कर उन्हें दूर करना, वैदिक धर्म को पुनः शुद्ध रूप में स्थापित करना, भारत को सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक रूप से एक सूत्र में बांधना था।
- दयानंद सरस्वती ने ‘वेदों की ओर लौटो’ का नारा देते हुए वेदों को भारत का आधार स्तंभ बताया। उनका विश्वास था कि हिंदू धर्म व वेद, जिन पर भारत का पुरातन समाज टिका है, शाश्वत, अमोघ (त्रुटिहीन), अपरिवर्तनशील, धर्मातीत तथा दैवीय हैं।
- दयानंद ने पुराणों जैसे हिंदू धर्मग्रंथों की प्रामाणिकता को अस्वीकार किया। वर्ण व्यवस्था के स्थान पर उन्होंने कर्म के आधार को समर्थन दिया। सामाजिक व शैक्षिक मामलों में स्त्री-पुरुष के समान अधिकारों की वकालत की।
- आर्य समाजियों ने छुआ-छूत, जातिभेद, बाल-विवाह का विरोध किया तथा कुछ शर्तों के साथ विधवा पुनर्विवाह की अनुमति व अंतर्जातीय विवाह का समर्थन किया।
- आर्य समाज द्वारा चलाया गया ‘शुद्धि आंदोलन’ काफी विवादास्पद रहा। इसके अंतर्गत किसी कारणवश अन्य धर्म अपनाने वाले हिंदुओं को पुनः हिंदू धर्म में वापसी के लिये प्रोत्साहित किया गया।
- ‘स्वदेशी व हिंदी’ का समर्थन करने वाला यह प्रथम संगठन था। इसका मानना था, “भारत भारतीयों के लिये है।”
- दयानंद सरस्वती ने ‘गो रक्षा आंदोलन’ चलाया। गायों की रक्षा की रक्षा हेतु ‘गो रक्षा समिति’ की स्थापना की।
- दयानंद सरस्वती ऐसे प्रथम समाज सुधारक थे जिन्होंने शूद्रों व स्त्री को वेद पढ़ने, उच्च शिक्षा प्राप्त करने, यज्ञोपवीत धारण करने के पक्ष में आंदोलन चलाया।
- 1863 में उन्होंने बाह्य आडंबरों और झूठे धर्मों का खंडन करते हुए ‘पाखंड-खंडिनी पताका’ लहराई। दयानंद सरस्वती के विचार उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ में वर्णित हैं।
- दयानंद सरस्वती ने सर्वप्रथम ‘स्वराज’ शब्द का प्रयोग किया तथा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार किया। बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और गोपाल कृष्ण गोखले, जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व किया, आर्य समाज से प्रभावित थे। राजनीति के क्षेत्र में उनका मत था, “बुरे से बुरा देशी राज्य अच्छे से अच्छे विदेशी राज्य से अच्छा है।”
- दयानंद सरस्वती के सहयोगी लाला हंसराज ने 1886 में दयानंद एंग्लो-वैदिक स्कूल (लाहौर) तथा स्वामी श्रद्धानंद ने 1902 में हरिद्वार के निकट कांगड़ी नामक स्थान पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना की।
गति (Motion)
गति हमारे चारों ओर है, हर पल हो रही है। जब कोई वस्तु समय के साथ अपनी स्थिति बदलती है, तो उसे गति में कहा जाता है। चाहे वह एक कार हो, एक उड़ता हुआ पक्षी हो, या सौर मंडल में घूमते हुए ग्रह, ये सभी गति के उदाहरण हैं। गति को समझने के लिये कुछ महत्त्वपूर्ण अवधारणाएँ हैं।
- गति के प्रकार
गति को कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं :- रेखीय गति (Linear Motion): जब कोई वस्तु एक सीधी रेखा में चलती है, जैसे- एक सीधी सड़क पर चलती हुई कार या ऊपर से नीचे गिरता हुआ सेब। इसे सरल रेखीय गति भी कहते हैं।
- घूर्णन गति (Rotational Motion): जब कोई वस्तु अपनी धुरी (axis) के चारों ओर घूमती है, जैसे- एक घूमता हुआ लट्टू या पंखे की पंखुड़ियों की गति।
- दोलनी गति (Oscillatory Motion): जब कोई वस्तु एक निश्चित बिंदु के आगे-पीछे बार-बार चलती है, जैसे- एक झूले की गति या घड़ी के पेंडुलम की गति।
- वृत्ताकार गति (Circular Motion): जब कोई वस्तु एक वृत्त (circle) के पथ पर चलती है, जैसे- सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति या एक ट्रैक पर दौड़ता हुआ धावक।
- गति को मापने के लिये महत्त्वपूर्ण राशियाँ
- दूरी (Distance): किसी वस्तु द्वारा तय किये गए कुल पथ की लंबाई। यह एक अदिश राशि (scalar quantity) है, जिसका मतलब है कि इसमें केवल परिमाण (magnitude) होता है, दिशा नहीं।
- विस्थापन (Displacement): किसी वस्तु की प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच की सबसे छोटी दूरी। यह एक सदिश राशि (vector quantity) है, जिसमें परिमाण के साथ-साथ दिशा भी होती है।
- चाल (Speed): दूरी तय करने की दर। यह हमें बताती है कि कोई वस्तु कितनी तेज़ी से चल रही है। सूत्र: चाल = दूरी / समय।
- वेग (Velocity): विस्थापन की दर। यह हमें बताता है कि कोई वस्तु किस दिशा में और कितनी तेज़ी से चल रही है। सूत्र: वेग = विस्थापन / समय।
- त्वरण (Acceleration): वेग में परिवर्तन की दर। जब किसी वस्तु का वेग बढ़ता या घटता है, तो उसमें त्वरण होता है।
इन अवधारणाओं को समझकर हम अपने आस-पास की दुनिया में होने वाली हर गति को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
- गति के प्रकार
SMILE योजना
SMILE (Support for Marginalized Individuals for Livelihood and Enterprise) योजना एक नई केंद्र-सरकार की योजना है जो हाशिये पर रहने वाले व्यक्तियों को, विशेष रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय और भिक्षावृत्ति में लगे लोगों को, व्यापक कल्याण और पुनर्वास के उपाय प्रदान करती है। यह योजना दो मौजूदा उप-योजनाओं को मिलाकर बनाई गई है, जिसका उद्देश्य इन समुदायों को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करना है।
मुख्य उद्देश्य और विशेषताएँ
- समग्र पुनर्वास : SMILE का मुख्य उद्देश्य इन समुदायों के लिये बड़े पैमाने पर पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाएँ, परामर्श और बुनियादी दस्तावेज़ीकरण की सुविधा प्रदान करना है।
- शिक्षा और कौशल विकास :
- यह कक्षा 9वीं और उससे ऊपर के ट्रांसजेंडर छात्रों को स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति प्रदान करती है।
- PM-DAKSH योजना के तहत कौशल विकास और आजीविका के अवसर प्रदान किये जाते हैं।
- स्वास्थ्य और आवास :
- PM-JAY के सहयोग से, यह योजना लिंग-पुष्टि सर्जरी (gender-reaffirmation surgery) का समर्थन करने वाले अस्पतालों के माध्यम से चिकित्सा सहायता प्रदान करती है।
- 'गरिमा गृह' के रूप में आवास सुविधा प्रदान की जाती है, जो भोजन, कपड़े, मनोरंजन और चिकित्सा सहायता जैसी बुनियादी जरूरतें सुनिश्चित करती है।
- संरक्षण और समर्थन : प्रत्येक राज्य में ट्रांसजेंडर संरक्षण सेल स्थापित किये गए हैं ताकि अपराधों की निगरानी और समय पर जाँच सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, एक राष्ट्रीय पोर्टल और हेल्पलाइन भी उपलब्ध है।
यह योजना राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों, शहरी स्थानीय निकायों और स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से लागू की जाएगी। यह अनुमान है कि इस योजना के तहत लगभग 60,000 सबसे गरीब व्यक्तियों को लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें गरिमा और सशक्तिकरण के साथ जीवन जीने में मदद मिलेगी।
आत्म-सम्मान आंदोलन
आत्म-सम्मान आंदोलन की शुरुआत ई. वी. रामासामी (पेरियार) ने वर्ष 1925 में तमिलनाडु में की थी। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य तर्कवाद, सामाजिक समानता और जातिवाद-विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देना था। पेरियार, जो ज्योतिराव फुले और बी. आर. अंबेडकर जैसे महान समाज सुधारकों से प्रेरित थे, ने समाज से ब्राह्मणवादी प्रभुत्व को समाप्त करने और व्यक्ति की गरिमा को स्थापित करने का प्रयास किया। उन्होंने वैकोम सत्याग्रह में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। बाद में उन्होंने द्रविड़र कड़गम नामक राजनीतिक संगठन की स्थापना की और तमिल साप्ताहिक ‘कुड़ी अरसु’ (गणराज्य) का प्रकाशन शुरू किया।
मुख्य उद्देश्य और विशेषताएँ
इस आंदोलन ने कई महत्त्वपूर्ण सुधार किये, जिनका उद्देश्य समाज को एक नया, प्रगतिशील दृष्टिकोण देना था।
- जातिवाद का उन्मूलन : आंदोलन ने जाति व्यवस्था के कठोर नियमों को चुनौती दी और समाज में व्याप्त भेदभाव को समाप्त करने का लक्ष्य रखा।
- आत्म-सम्मान विवाह : पेरियार ने पुरोहित-रहित विवाह समारोहों की शुरुआत की, जिन्हें आत्म-सम्मान विवाह कहा गया। इन विवाहों को बाद में कानूनी मान्यता भी मिली, जिससे विवाह जैसे सामाजिक अनुष्ठानों में अनावश्यक खर्च और धार्मिक कर्मकांडों को कम किया जा सका।
- सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध संघर्ष : इस आंदोलन ने कई सामाजिक बुराइयों, जैसे देवदासी प्रथा, विधवा पुनर्विवाह पर लगे प्रतिबंधों और अन्य जातिगत भेदभावों के खिलाफ आवाज़ उठाई।
- महिलाओं का सशक्तीकरण : आत्म-सम्मान आंदोलन ने महिलाओं की स्वतंत्रता और नेतृत्व को प्रोत्साहित किया। अन्नाई मीनाम्बल और वीरमल जैसी महिलाएँ इस आंदोलन की प्रमुख सदस्य थीं। यह मीनाम्बल ही थीं जिन्होंने ई. वी. रामासामी को ‘पेरियार’ (महान व्यक्ति) की उपाधि दी, और बी. आर. अंबेडकर ने उन्हें "मेरी बहन मीना" कहकर संबोधित किया था।
यह आंदोलन आज भी भारत के सामाजिक इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, जिसने तर्कसंगत सोच और आत्म-सम्मान के मूल्यों को स्थापित किया।
ग्राम न्यायालय (Gram Nyayalaya)
- विधि एवं न्याय मंत्रालय ने न्याय प्रणाली को आम जनमानस के निकट ले जाने के लिये ‘ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2008’ संसद में पारित किया। इसके तहत 2 अक्टूबर, 2009 से कुछ राज्यों में ग्राम न्यायालय कार्य करने लगे।
- ग्राम न्यायालय में प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट स्तर का न्यायाधीश होता है, जिसे ‘न्यायाधिकारी’ कहा जाता है। इसकी नियुक्ति संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य सरकार करती है।
- ग्राम न्यायालय सिविल तथा आपराधिक दोनों मामले देखता है। ऐसे मामलों की सूची ‘ग्राम न्यायालय अधिनियम’ की अनुसूची में दी गई है।
- एक तरफ जहाँ यह 2 वर्षों की अधिकतम सज़ा वाले आपराधिक मामले को देखता है, तो वहीं दूसरी तरफ सिविल मामलों के अंतर्गत वह ‘न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम, 1948’, ‘सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955’, ‘बंधुआ मज़दूरी (उन्मूलन) अधिनियम, 1976’, ‘घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005’ के अंतर्गत आने वाले मामले भी देखता है।
- इसमें सिविल मामलों में आपसी समझौते से मामला निपटाने की कोशिश की जाती है तो आपराधिक मामलों में ‘प्ली बार्गेनिंग’ (Plea Bargaining) के माध्यम से अभियुक्तों को अपना अपराध स्वीकार करने का मौका दिया जाता है।



















