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UGC-NET June 2025 Exam Schedule

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CTET दिसंबर 2024 : सूचना बुलेटिन

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UGC-NET जून 2024 - परीक्षा कार्यक्रम

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CTET जुलाई 2024 : सूचना बुलेटिन

CTET



कॉन्सेप्ट कार्ड  

ज़ियाउद्दीन बरनी

    • गयासुद्दीन बलबन से फिरोज़शाह तुगलक तक के दौर का जीता-जागता गवाह ज़ियाउद्दीन बरनी दिल्ली सल्तनत (विशेषतः अलाउद्दीन ख़िलजी, मुहम्मद बिन तुगलक तथा फिरोज़शाह तुगलक के शासनकाल में) का महत्त्वपूर्ण इतिहासकार और राजनीतिक विचारक था 
    • यद्यपि, बरनी को रूढ़िवादी तथा कट्टरपंथी विचारक कहा गया, फिर भी उसकी कृतिफतवा--जहाँदारीको कौटिल्य केअर्थशास्त्रतथा मैकियावेली की प्रिंसकी भांति श्रेष्ठ माना जाता है 
    • इस्लामिक राज्य पर बल देने के साथ ही बरनी ने सुल्तान कोकुरानतथाशरीयतके पालन पर विशेष बल दिया है। 
    • संभवतः बरनी ही ऐसा प्रथम सल्तनतकालीन इतिहासकार था जिसनेइतिहास क्या है?’ पर चर्चा की हैतारीख़--फिरोज़शाहीकी प्रस्तावना में इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। 
    • 69 वर्ष की आयु में लेखन शुरू कर बरनी ने नौ ग्रंथों की रचना की 
    • इरफ़ान हबीब नेफतवा--जहाँदारीकोतारीख़--फिरोज़शाहीके बाद की जबकि आई.एच. सिद्दीकी ने स्वतंत्र शैली के आधार पर इसे फिरोज़शाह तुगलक के शासनकाल से पूर्व की रचना माना है। 
    • फतवा--जहाँदारीमें तर्कशास्त्रियों या दार्शनिकों को वध करने के योग्य माना गया है। बरनी तर्कपूर्ण विज्ञान को पैगंबर विरोधी मानता था। 
    • ज़ियाउद्दीन द्वारा रचित प्रमुख पुस्तकें निम्नलिखित हैं- 
      • तारीख़--फिरोज़शाही (बलबन से फिरोज़शाह तुगलक तक के 95 वर्षों का इतिहास) 
      • फतवा--जहाँदारी 
      • सलवात--कबीर 
      • सना--मुहम्मदी (एक धार्मिक ग्रंथ) 
      • इनायातनामा--इलाही (पैगंबर की इबादत में लिखा गया ग्रंथ) 
      • मआसिर--सआदत 
      • हसरतनामा (सूफी ग्रंथ) 
      • तारीख़--बरमाकी (वजीरों के बरमाक परिवार के भाग्य का इतिहास) 

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016

    • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 (Solid Waste Management Rules, 2016) ने वर्ष 2000 में अधिसूचित किये गए म्युनिसिपल ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन एवं निपटान) नियम का स्थान लिया है 
    • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार स्रोत पर ही सूखे कचरे और गीले कचरे को अलग करना होगा 
    • इस नियम का प्रभाव सभी स्थानीय निकायों एवं नगरीय संकुलों (Urban Agglomerations) पर होगा 
    • इसके तहत प्रदूषणकर्त्ता को संपूर्ण अपशिष्ट को तीन प्रकारों यथा- जैव निम्नीकरणीय, गैर-जैव निम्नीकरणीय एवं घरेलू खतरनाक अपशिष्टों के रूप में वर्गीकृत कर इन्हें स्थानीय निकाय द्वारा निर्धारित अपशिष्ट संग्रहकर्त्ता को ही देना होगा। 
    • स्थानीय निकायों द्वारा निर्धारित यूज़र्स शुल्क का भुगतान प्रदूषणकर्त्ता द्वारा किया जाएगा। ये शुल्क स्थानीय निकायों द्वारा निर्मित विनियमों से निर्धारित किये जाएँगे। 
    • इसके अतिरिक्त, इस नियम के अंतर्गत विभिन्न पक्षकारों यथा- भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों जैसे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, रसायन उर्वरक मंत्रालय, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, ज़िला मजिस्ट्रेट, ग्राम पंचायत, स्थानीय निकाय, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि के कर्त्तव्यों का उल्लेख भी किया गया है 
    • स्थानीय निकायों के भी कुछ उत्तरदायित्व जैसे- घर-घर से अपशिष्ट संग्रहण, विनियमन निर्माण, यूज़र्स शुल्क निर्धारण तथा बायोमिथनेशन, माइक्रोबियल कंपोस्टिंग, वर्मी कंपोस्टिंग जैसी तकनीकों को अपनाना निर्धारित किये गए हैं।  

अरस्तू (Aristotle)

    • अरस्तू का जन्म ईसा से 384 वर्ष पूर्व Stagira नामक स्थान पर एक संभ्रांत परिवार में हुआ था उसके पिता मैसीडोनिया के शाही दरबार के चिकित्सक थे। अरस्तू स्वयं भी एक चिकित्सक और जीवनशास्त्री था 
    • 17 वर्ष की उम्र में वह प्लेटो की अकादमी में प्रविष्ट हुआ और लगभग 20 वर्ष तक उसका शिष्य रहा प्लेटो की मृत्यु के पश्चात् उसने कई राज्यों में भ्रमण किया। 
    • वह तीन वर्ष तक मैसीडोनिया के राजकुमार सिकंदर महान (Alexander- The Great) का शिक्षक भी रहा। 
    • एथेंस में अरस्तू ने हर्मियस (Hermias) की भतीजी या भांजी पिथियस (Pythias) से विवाह किया 
    • पिथियस की मृत्यु के पश्चात् अरस्तू हर्पियलिस के साथ रहने लगा। अरस्तू का पुत्र निकोमेकस था 
    • 335 ईसा पूर्व में उसने प्लेटो कीअकादमीके तर्ज पर एक व्यायामशाला में अपना शिक्षालय स्थापित किया जिसका नाम लीसियम (Lyceum) था। 
    • तत्कालीन एथेंस में 4 बड़े दार्शनिक विद्यालयों में लिसीयस दूसरा बड़ा विद्यालय था। 
    • एथेंस में अरस्तू पर यह आरोप लगाया गया था कि हर्मियस की मृत्यु पर उसने गीत लिखकर बहुत बड़ा अपराध किया था क्योंकि हर्मियस को देवतुल्य बताना देवता का अपमान था। अरस्तू द्वारा हर्मियस पर लिखे गए गीत के संबंध में एंड्रयू लॉफलिन फोर्ड ने Aristotle as Poet : The Song for Hermias and Its Contexts नामक पुस्तक लिखी 
    • अरस्तू की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं- 
      • Physics 
      • De Anima (On the Soul) 
      • Metaphysics 
      • Politics 
      • The Nicomachean Ethics 
      • On the Soul and On Memory and Recollection 
      • Poetics 
      • Categories 
      • Topics 
      • The Prior Analytics 
      • Posterior Analytics 
      • The Rhetoric 
      • Athenian Constitution/Eudemian Ethics Virtues and Vices  

पॉड टैक्सी (Pod Taxi)

    • यह छोटे समूह (5 सदस्यीय) के यात्रियों के लिये फीडर और शटल सेवा प्रदान करती है 
    • यह बाधारहित परिवहन का अच्छा विकल्प है तथा मेट्रो से भी सस्ती सेवा होती है। 
    • यह ज़मीन से 5-10 मीटर ऊपर चलती है एवं वायरलेस, सेंसर और कमांड आधारित प्रणाली से संचालित होती है 
    • एक तरफ यह प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भी सहज होती है, वहीं यह सघन आबादी, संकरी सड़क एवं अन्य ज़मीनी यातायात के ऊपर से भी गुज़र सकती है। 
    • यह APM (Automated People Mover) पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ समय, धन ईंधन की बचत में भी सहायक है। 
    • पॉड टैक्सी योजना को PRT (Personal Rapid Transit) भी कहा जाता है 

    परियोजना के बारे में 

    • यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अंतर्गत DBFOT (डिज़ाइन, निर्माण, वित्तीयन, संचालन और हस्तांतरण) पर आधारित पायलट प्रोजेक्ट है 
    • 4000 करोड़ रुपये वाली यह परियोजना प्रारंभ में NH-8 के दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से राजीव चौक होते हुए गुरुग्राम तक 12.3 किमी. के लिये बनेगी 
    • इस परियोजना को पूरा करने के लिये भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को दायित्व सौंपा गया है  

नंद वंश (344-324/23 ई.पू.)

    • नंद वंश का संस्थापक महापद्मनंद था 
    • बौद्ध ग्रंथ महाबोधिवंश में नंद वंश के 9 शासकों- उग्रसेन, पंडुक, पंडुगति, भूतपाल, राष्ट्रपाल, गोविषाणक, दशसिद्दक, कैवर्त एवं धन का वर्णन है 
    • इसके प्रमुख शासक निम्नलिखित हैं- 

    महापद्मनंद  

    • पुराणों के अनुसार, इस वंश का संस्थापक महापद्मनंद एक शूद्र था जिसेसर्वक्षत्रांतक’ (क्षत्रियों का नाश करने वाला) तथाभार्गव’ (परशुराम का दूसरा अवतार) कहा गया है 
    • इसने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की तथाएकराटएवंएकक्षत्रकी उपाधि धारण की 
    • महाबोधि वंश में उसेउग्रसेनकहा गया है 
    • महापद्मनंद के आठ पुत्र थे धनानंद भी इसका पुत्र था, जो नंद वंश का अंतिम शासक था 
    • व्याकरणाचार्य पाणिनि, महापद्मनंद के मित्र थे 

    धनानंद 

    • यह सिकंदर का समकालीन था इसके समय में 326 . पू. में सिकंदर ने पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया था ग्रीक (यूनानी) लेखकों ने इसेअग्रमीजकहा है 
    • धनानंद ने जनता पर बहुत से कर लगाए थे, जिससे जनता असंतुष्ट थी 
    • धनानंद के दरबार में चाणक्य (तक्षशिला का आचार्य) आया था जो धनानंद के द्वारा अपमानित किया गया था 
    • 323 . पू. में चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने गुरु चाणक्य की सहायता से धनानंद की हत्या कर मौर्य वंश की नींव रखी 
    • नंदों के विनाश में जैन धर्म ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी 





















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