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अवलोकन

'केंद्रीय विद्यालय संगठन' (KVS) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत एक स्वायत्त संगठन के रूप में कार्यरत है। सहायक आयुक्त, प्राचार्य, उप प्राचार्य, स्नातकोत्तर शिक्षक (PGT), प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT), प्राथमिक शिक्षक (PRT), लाइब्रेरियन, वित्त अधिकारी, सहायक अभियंता (सिविल) आदि सहित कई पदों के लिये पात्र भारतीय नागरिकों से आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं। भर्ती प्रक्रिया में कंप्यूटर-आधारित परीक्षण (CBT) शामिल होगा, और सफल अभ्यर्थियों को संगठन की आवश्यकताओं के आधार पर भारत के किसी भी स्थान पर नियुक्त किया जा सकता है। इस संदर्भ में, हम विशेष रूप से प्राथमिक शिक्षक, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक और स्नातकोत्तर शिक्षक के पदों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।




परीक्षा पद्धति (एग्ज़ाम पैटर्न)


प्राथमिक शिक्षक (PRT)
मोड कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन)
प्रश्नपत्रों की संख्या 1 प्रश्नपत्र, जो 4 भागों में विभाजित है और चौथा भाग विषय-विशिष्ट है।
परीक्षा की अवधि 3 घंटे (180 मिनट)
प्रश्नों की प्रकृति बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्नों की कुल संख्या 180 (भाग-I : 20, भाग-II : 20, भाग-III : 60 तथा भाग-IV : 80)
कुल अंक 180
अंकन योजना प्रत्येक सही उत्तर के लिये 1 अंक निर्धारित है। (कोई ऋणात्मक अंकन नहीं)
अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष
योग्यता परीक्षण 60 अंक (डेमो शिक्षण - 30 अंक और साक्षात्कार - 30 अंक)
परीक्षा का माध्यम हिन्दी/अंग्रेज़ी
चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा और साक्षात्कार

प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT)
मोड कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन)
प्रश्नपत्रों की संख्या 1 प्रश्नपत्र, जो 4 भागों में विभाजित है और चौथा भाग विषय विशिष्ट है।
परीक्षा की अवधि 3 घंटे (180 मिनट)
प्रश्नों की प्रकृति बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्नों की कुल संख्या 180 (भाग-I : 20, भाग-II : 20, भाग-III : 40 तथा भाग-IV : 100)
कुल अंक 180 (20+20+40+100)
अंकन योजना प्रत्येक सही उत्तर के लिये 1 अंक निर्धारित है। (कोई ऋणात्मक अंकन नहीं)
अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष
योग्यता परीक्षण 60 अंक (डेमो शिक्षण - 30 अंक और साक्षात्कार - 30 अंक)
परीक्षा का माध्यम हिन्दी/अंग्रेज़ी
चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा और साक्षात्कार

स्नातकोत्तर शिक्षक (PGT)
मोड कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन)
प्रश्नपत्रों की संख्या 1 प्रश्नपत्र, जो 4 भागों में विभाजित है और चौथा भाग विषय विशिष्ट है।
परीक्षा की अवधि 3 घंटे (180 मिनट)
प्रश्नों की प्रकृति बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्नों की कुल संख्या 180 (भाग-I : 20, भाग-II : 20, भाग-III : 40 तथा भाग-IV : 100)
कुल अंक 180 (20+20+40+100)
अंकन योजना प्रत्येक सही उत्तर के लिये 1 अंक निर्धारित है। (कोई ऋणात्मक अंकन नहीं)
अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष
व्यावसायिक योग्यता परीक्षण 60 अंक (डेमो शिक्षण - 30 अंक और साक्षात्कार - 30 अंक)
परीक्षा का माध्यम हिन्दी/अंग्रेज़ी
चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा और साक्षात्कार

रणनीति एवं पाठ्यक्रम

सफलता को लक्ष्य बनाने वाले विद्यार्थियों के लिये परीक्षा से पूर्व एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण महत्त्वपूर्ण है, जो समय प्रबंधन, विषयों की प्राथमिकता, तनाव प्रबंधन और संसाधनों के इष्टतम उपयोग जैसे तत्त्वों को सम्मिलित करता हो। यह दृष्टिकोण समय के विवेकपूर्ण विभाजन में सहायता करता है, जिससे परीक्षा के विभिन्न खंडों पर पूरा ध्यान केंद्रित हो सके। यह संसाधनों के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देता है, उत्पादक पुनरीक्षण की सुविधा देता है तथा लक्ष्य-निर्धारण और अनुकूल पद्धतियों के माध्यम से आत्मविश्वास पैदा करता है। संक्षेप में, यह रणनीति विद्यार्थियों को आत्मविश्वास के साथ परीक्षाओं का सामना करने के लिये सशक्त बनाती है, जिससे विभिन्न परीक्षा परिस्थितियों में उनका प्रदर्शन बेहतर होता है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) परीक्षा के मुख्य पदों के लिये रणनीतियों की एक रूपरेखा तैयार की है। हमें विश्वास है कि इन रणनीतियों को अपनाने और लागू करने से, न केवल विद्यार्थियों की परीक्षा उत्तीर्ण करने की संभावनाओं में वृद्धि होगी बल्कि उन्हें अधिक अंक प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।


KVS PRT KVS TGT KVS PGT

KVS प्राथमिक शिक्षक (PRT)

एक प्राथमिक शिक्षक (PRT) प्राथमिक स्तर यानी कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के शिक्षण का कार्य करता है। इस परीक्षा में एक प्रश्नपत्र होता है जो चार भागों में विभाजित होता है (जिसमें एक भाग विषय विशिष्ट होता है)।

KVS PRT प्रश्नपत्र को चार भागों में विभाजित किया गया है – भाग-I भाषायी दक्षता (20 अंक); भाग-II सामान्य जागरूकता, रीज़निंग और कंप्यूटर दक्षता (20 अंक); भाग-III शिक्षा और नेतृत्व पर दृष्टिकोण ( 60 अंक) तथा भाग-IV विषय-विशिष्ट पाठ्यक्रम (80 अंक)। KVS PRT परीक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम आधारित रणनीति विद्यार्थियों के लिये लाभदायी हो सकती है।

हम पाठ्यक्रम आधारित रणनीति को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं :

सामान्य अंग्रेज़ी (General English)

PGT परीक्षा का भाग-I (भाषायी दक्षता) दो भागों, पहला- सामान्य अंग्रेज़ी (10 अंक) और दूसरा- सामान्य हिंदी (10 अंक), में विभाजित है। सामान्य अंग्रेज़ी में अंग्रेज़ी के मूलभूत ज्ञान का परीक्षण किया जाएगा किंतु सटीक रणनीति के बिना इसमें अच्छे अंक प्राप्त करना आसान नहीं होगा। इस अनुभाग में पर्याप्त अंक प्राप्त करने के लिये आपको निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिये :

  • अंग्रेज़ी समाचार पत्रों का अध्ययन : नई शब्दावली सीखने, भाषा को समझने तथा समसामयिक जागरूकता बढ़ाने के लिये नियमित अंग्रेज़ी समाचार पत्रों का अध्ययन करें।
  • व्याकरणिक नियमों का अभ्यास : अंग्रेज़ी भाषा के मूलभूत सिद्धांतों की समझ को मज़बूत करने के लिये व्याकरण के नियमों का नियमित अभ्यास करें।
  • नोट्स बनाना : परीक्षा की तैयारी के दौरान त्वरित रिवीज़न के लिये मुख्य बिंदुओं, नियमों और अवधारणाओं के संक्षिप्त एवं आसान नोट्स बनाएँ।
  • संपूर्ण पाठ्यक्रम की समीक्षा : तैयारी को व्यापक आधार प्रदान करने के लिये संपूर्ण पाठ्यक्रम के प्रत्येक बिंदु को गहराई से समझें।
  • बिन्दुवार रिवीज़न : अंग्रेज़ी की आवश्यक अवधारणाओं पर अपनी पकड़ मज़बूत करने के लिये पाठ्यक्रम में उल्लिखित प्रत्येक बिंदु को प्रतिदिन रिवाइज़ करें।

सामान्य हिंदी

इस परीक्षा का भाग-I (भाषायी दक्षता) दो भागों में विभाजित है - सामान्य अंग्रेज़ी (10 अंक) और सामान्य हिंदी (10 अंक)। हिंदी का कई अभ्यर्थियों की मातृभाषा होने के बावजूद, इस अनुभाग में आवश्यक अंक प्राप्त करना कठिन हो जाता है। अभ्यर्थी निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर इस अनुभाग में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं :

  • हिंदी समाचार पत्रों का अध्ययन : नई शब्दावली सीखने के लिये दैनिक हिंदी समाचार पत्र के नियमित अध्ययन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, जो परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने में सहायक होगा।
  • हिंदी व्याकरण की मज़बूत समझ : अभ्यर्थी अपनी तैयारी के स्तर में गुणात्मक वृद्धि के लिये त्रुटि पहचान, बहुवचन और एकवचन आदि जैसे विभिन्न उप-विषयों पर ध्यान केंद्रित करके हिंदी व्याकरण की एक मज़बूत समझ विकसित करें।
  • अंग्रेज़ी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेज़ी में अनुवाद का दैनिक अभ्यास : अभ्यर्थी समयबद्ध योजना बनाकर प्रतिदिन कम से कम 1-2 अनुच्छेदों का अंग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद करने का अभ्यास करें। यह अभ्यास प्रश्नों के उत्तर देने में आपकी गति बढ़ाएगा और परीक्षा के दौरान प्रश्नों को हल करने की सटीकता में सुधार करेगा।
  • प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन : सामान्य हिंदी की विश्वसनीय और प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन अभ्यर्थियों को अधिक अंक प्राप्त करने में सहायक होगा।

सामान्य जागरूकता, तर्कशक्ति और कंप्यूटर दक्षता

भाग-II में, महत्त्वपूर्ण विषय जैसे - सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स (10 अंक), रीज़निंग (5 अंक) तथा कंप्यूटर दक्षता (5 अंक) सम्मिलित हैं। इसकी महत्ता एवं आवश्यकता को समझते हुए उपर्युक्त विषयों में गहन समझ बनाने के लिये सुदृढ़ रणनीतियों की आवश्यकता है जिसे निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:

  • सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स:सामान्य जागरूकता जैसे विषय में समसामयिक मुद्दे सम्मिलित होते हैं इसलिये यह आवश्यक है कि आप अपने अध्ययन के कमज़ोर और मज़बूत पहलुओं को समझकर बहुविकल्पीय प्रश्नों का यथासंभव अभ्यास करें। अच्छे अंक प्राप्त करने तथा इस अनुभाग की बेहतर तैयारी के लिये, आप अपनी अध्ययन सामग्री में दृष्टि पब्लिकेशन्स की 'सामान्य जागरूकता (दृष्टि G.K). और वन डे मैजिक सीरीज़' की पुस्तकों को सम्मिलित कर सकते हैं। करेंट अफेयर्स के लिये आपको दैनिक समाचार पत्रों या किसी प्रामाणिक वेबसाइट या पत्रिका के माध्यम से विषयवस्तु और बहुविकल्पीय प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
  • रीज़निंग (तर्कशक्ति) : इस अनुभाग की तैयारी के लिये, आपको पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को आधार बनाकर महत्त्वपूर्ण विषयों पर यथासंभव अभ्यास करना आवश्यक होगा। इसके लिये आप कुछ प्रामाणिक पुस्तकों की मदद भी ले सकते हैं। इस अनुभाग में प्रश्नों को समयबद्ध तरीके से हल करना अधिक महत्त्वपूर्ण है। इसके लिये आपको निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है :
    • युक्तियुक्त तर्क
    • अल्फ़ा-न्यूमेरिक शृंखला
    • कोडिड असमानताएँ
    • क्रम व्यवस्था
    • कोडिंग-डिकोडिंग
    • आँकड़ों की पर्याप्तता
    • तार्किक पहेलियाँ
    • न्याय निगमन
    • रैंकिंग, दिशा और वर्णमाला परीक्षण
    • रक्त संबंध
  • कंप्यूटर दक्षता : यह अनुभाग सामान्य कंप्यूटर ज्ञान का परीक्षण करता है। प्रश्नों की कठिनाई आसान से मध्यम स्तर की होती है। आप लाइव कक्षाओं और मॉक टेस्ट में भाग लेकर अपनी कमियों में सुधार कर सकते हैं। अपनी तैयारी को बेहतर बनाने के लिये आप कंप्यूटर विषय की प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करें। इसके लिये आप सामान्य कंप्यूटर अध्ययन की प्रामाणिक पुस्तकों जैसे- दृष्टि पब्लिकेशन्स की सामान्य ज्ञान (G.K.) की पुस्तक को अपनी अध्ययन सामग्री में सम्मिलित कर सकते हैं। यह पुस्तक सामान्य जागरूकता, तर्कशक्ति और सामान्य कंप्यूटर ज्ञान के लिये एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।

शिक्षा और नेतृत्व पर दृष्टिकोण

यह खंड पाँच भागों (कुल 60 अंक) में विभाजित हैं - शिक्षार्थी को समझना (15 अंक), शिक्षण अधिगम को समझना (15 अंक), अनुकूल शैक्षिक वातावरण का निर्माण (10 अंक), विद्यालय संगठन और नेतृत्व (10 अंक) तथा शैक्षिक दृष्टिकोण (10 अंक)| कुल 60 अंकों का यह अनुभाग आपकी सफलता के लिये महत्त्वपूर्ण है, इसलिये रणनीतिक रूप से इस पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। KVS PRT परीक्षा में 'शिक्षा और नेतृत्व पर दृष्टिकोण' टॉपिक शैक्षिक नेतृत्व के क्षेत्र में समकालीन सिद्धांतों और प्रथाओं के विषय पर आपकी समझ का मूल्यांकन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य इन अवधारणाओं पर विश्लेषण करने हेतु आपकी क्षमता का आकलन करना भी है। इस परीक्षा खंड की प्रभावी तैयारी के लिये निम्नलिखित चरणों पर विचार करना आवश्यक है-

  • परीक्षा का प्रारूप और विषयवस्तु की समझ: परीक्षा संरचना की समझ, जिसमें प्रश्नों के प्रकार, निर्धारित समय-सीमा और संभावित रूप से सम्मिलित किये जाने वाले विषय शामिल हैं।
  • पाठ्यसामग्री की समीक्षा करें: यदि आपने पहले से शैक्षिक नेतृत्व से संबंधित पाठ्यक्रम का अध्ययन किया है, तो अपने नोट्स और पाठ्यसामग्री को नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार संशोधित करें। इससे महत्त्वपूर्ण अवधारणाओं और सिद्धांतों के बारे में आपको अपनी समझ को बेहतर और अद्यतन करने में मदद मिलेगी।
  • विस्तृत अध्ययन: लेख, पुस्तकों और अन्य संबंधित पाठ्यसामग्रियों सहित विभिन्न स्रोतों का अध्ययन करें, जो शैक्षिक नेतृत्व से संबंधित विषयों पर गहराई से विचार करते हैं। इन क्षेत्रों में समसामयिक और प्रासंगिक मुद्दों पर बारीकी से ध्यान दें।
  • नवीनतम पाठ्यक्रम और पैटर्न के आधार पर अधिक-से-अधिक बहुविकल्पीय प्रश्नों का अभ्यास करें|

संबंधित विषय की रणनीति

भाग-IV में संबंधित विषय (कुल 80 अंक) का पाठ्यक्रम दिया गया है और इसमें NCERT/CBSE पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों (कक्षा I-V) की अवधारणाएँ शामिल हैं जैसा कि संबंधित विषय शीर्षकों जैसे - हिंदी, अंग्रेज़ी, गणित और पर्यावरण विज्ञान (EVS) के तहत दर्शाया गया है। हालाँकि, प्रश्नों में उच्चतर माध्यमिक (सीनियर सेकेंडरी : कक्षा-XII तक) के स्तर तक की अवधारणाओं की समझ और उनके अनुप्रयोग की गहराई के परीक्षण की अपेक्षा की जाती है। यह अनुभाग प्रत्येक अभ्यर्थी के लिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह अधिक अंक प्राप्त करने और सफलता के लिये एक प्रभावी अध्ययन रणनीति अपनाने दोनों में योगदान दे सकता है। अपने विषय संबंधी ज्ञान को बढ़ाने के लिये, अपनी अध्ययन सामग्री में प्रामाणिक पुस्तकों और वेबसाइट्स को शामिल करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त, संबंधित विषय के बहुविकल्पीय प्रश्नों का निरंतर अभ्यास भी आवश्यक है।

नोट : साक्षात्कार 60 अंकों का है (जिसमें डेमो शिक्षण और साक्षात्कार दोनों सम्मिलित हैं)। लिखित परीक्षा, व्यावसायिक योग्यता और साक्षात्कार का भारांश(वेटेज) 70:30 के अनुपात में होगा। अंतिम मेरिट सूची लिखित परीक्षा, व्यावसायिक योग्यता और साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर आधारित होगी।




KVS PRT के लिये विस्तृत पाठ्यक्रम :
भाग-I : भाषायी दक्षता (20 अंक)

  1. General English (10 marks)
  2. Reading comprehension, word power, Grammar & usage

  3. सामान्य हिन्दी (10 अंक)
  4. पठन कौशल, शब्द सामर्थ्य, व्याकरण एवं प्रयुक्ति

भाग-II : सामान्य जागरूकता, तर्कशक्ति और कंप्यूटर दक्षता (20 अंक)

  1. सामान्य जागरूकता और करेंट अफेयर्स (10 अंक)
  2. तर्कशक्ति या रीज़निंग (5 अंक)
  3. कंप्यूटर दक्षता (5 अंक)

भाग-III : शिक्षा और नेतृत्व पर दृष्टिकोण (60 अंक)

(a) अधिगमकर्त्ता या शिक्षार्थी को समझना (Understanding the Learner)- 15 अंक

  • वृद्धि का सिद्धान्त, परिपक्वता और विकास की अवधारणा, विकास के सिद्धांत और वाद-विवाद, विकासात्मक कार्य और चुनौतियाँ |
  • विकास के क्षेत्र : शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक-भावनात्मक, नैतिक आदि; विकास में विचलन और इसके निहितार्थ।
  • किशोरावस्था को समझना : संस्थागत समर्थन की रूपरेखा तैयार करने के लिये आवश्यकताएँ, चुनौतियाँ और निहितार्थ।
  • प्राथमिक और माध्यमिक समाजीकरण संस्था की भूमिका, घर और विद्यालयी निरंतरता सुनिश्चित करना।

(b) शिक्षण-अधिगम की समझ (Understanding Teaching Learning)- 15 अंक

  • अधिगम के सैद्धांतिक दृष्टिकोण – व्यवहारवाद, संज्ञानात्मकवाद और रचनावाद तथा उनके निहितार्थ के विशेष संदर्भ में :
    • शिक्षक की भूमिका
    • शिक्षार्थी की भूमिका
    • शिक्षक-विद्यार्थी संबंध की प्रकृति
    • शिक्षण विधियों का विकल्प
    • कक्षा का वातावरण
    • अनुशासन, शक्ति आदि की समझ
  • अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक और उनके लिये निहितार्थ :
    • कक्षा निर्देश डिज़ाइन करना
    • कक्षा में विद्यार्थी गतिविधियों की योजना बनाना
    • विद्यालय में सीखने की जगह बनाना
  • शिक्षण-अधिगम की योजना और संगठन
    • पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या की अवधारणा, प्रत्यक्ष और प्रछन्न पाठ्यचर्या
    • मूलभूत साक्षरता और अंकज्ञान, बचपन की देखभाल और शिक्षा
    • योग्यता-आधारित शिक्षा, अनुभवात्मक शिक्षा आदि
    • निर्देशात्मक योजनाएँ: वार्षिक योजना, इकाई योजना, पाठ योजना
    • शिक्षण सामग्री और संसाधन
    • शिक्षण-अधिगम के लिये सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)।
    • अधिगम का आकलन, अधिगम के लिये और अधिगम के रूप में : प्रत्येक योजना बनाने में अर्थ, उद्देश्य और विचार
  • शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं को बढ़ाना: रचनावादी शिक्षण के साधन के रूप में कक्षा अवलोकन और प्रतिक्रिया, प्रतिबिंब और संवाद।

(c) अनुकूल अधिगम वातावरण निर्माण (Creating Conducive Learning Environment)- 10 अंक

  • विविधता, अक्षमता और समावेशन की अवधारणा, सामाजिक संरचना के रूप में अक्षमता के निहितार्थ, अक्षमता के प्रकार-उनकी पहचान और हस्तक्षेप
  • विद्यालयी मानसिक स्वास्थ्य की अवधारणा, सभी विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिये मानसिक स्वास्थ्य के उपचारात्मक, निवारक और प्रोत्साहक आयामों को संबोधित करना। मार्गदर्शन एवं परामर्श के लिये प्रावधान।
  • विद्यालय और समुदाय को अधिगम के संसाधन के रूप में विकसित करना।

(d) विद्यालय संगठन और नेतृत्व (School Organization and Leadership)- 10 अंक

  • चिंतनशील व्यवसायी, टीम निर्माता, आरंभकर्ता, प्रशिक्षक और संरक्षक के रूप में नेतृत्व।
  • विद्यालयी नेतृत्व पर परिप्रेक्ष्य : निर्देशात्मक, वितरित और परिवर्तनकारी
  • दृष्टि निर्माण, लक्ष्य निर्धारण और विद्यालय विकास योजना तैयार करना
  • शिक्षण अधिगम को सुदृढ़ करने के लिये स्कूल प्रक्रियाओं और मंचों का उपयोग करना- वार्षिक कैलेंडर, समय-सारिणी बनाना, अभिभावक शिक्षक मंच, स्कूल असेंबली, शिक्षक विकास मंच; शिक्षण-अधिगम में सुधार के लिये उपलब्धि डेटा का उपयोग करना; विद्यालय स्व-मूल्यांकन और सुधार।
  • समुदाय, उद्योग और अन्य आस-पास के विद्यालयों तथा उच्चतर शिक्षा संस्थानों के साथ साझेदारी निर्मित करना - अधिगम वाले समुदायों का निर्माण

(e) शैक्षिक परिप्रेक्ष्य (Perspectives in Education)- 10 अंक

  • शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में विद्यालय की भूमिका
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति(NEP) -2020; प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा; अधिगम का आधार; मूलभूत साक्षरता और अंकज्ञान; स्कूलों में पाठ्यचर्या और शिक्षाशास्त्र; समग्र और एकीकृत शिक्षा; न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा, सभी के लिये शिक्षा; योग्यता आधारित अधिगम और शिक्षा।
  • बाल अधिकारों के लिये मार्गदर्शक सिद्धांत, सुरक्षा और सुरक्षित विद्यालयी वातावरण के लिये बच्चों के अधिकारों की रक्षा और प्रावधान, बच्चों के लिये मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009
  • विद्यालयी शिक्षा के संदर्भ में ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय नीतियों का अध्ययन;
  • विद्यालयी पाठ्यचर्या के सिद्धांत : परिप्रेक्ष्य, अधिगम और ज्ञान, पाठ्यचर्या क्षेत्र, विद्यालय चरण - शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन।

भाग-IV : विषय विशिष्ट पाठ्यक्रम (80 अंक)

विषय-विशिष्ट पाठ्यक्रम में NCERT/CBSE पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों (कक्षा I-V) की अवधारणाएँ सम्मिलित हैं जैसा कि संबंधित विषय शीर्षकों के तहत दर्शाया गया है। हालाँकि, प्रश्नों में उच्च माध्यमिक (सीनियर सेकेंडरी : कक्षा-XII तक) स्तर तक की अवधारणाओं की समझ और उनके अनुप्रयोग की अपेक्षा की जाती है।

English

Grammar : Nouns, Pronouns, Adjectives, Possessive Adjectives, Adverbs; is, am, are, has, have, Tense Forms (Simple present and present continuous, simple past and past continuous); Expressing Future (will and be going to); Articles; this, that, these, those (as determiners and empty subjects); Question Words, an, or, but, Punctuation marks (full stop, comma, question mark and inverted commas); Prepositions

हिंदी

व्याकरण : संज्ञा, विशेषण और वचन की पहचान और व्यावहारिक प्रयोग, गणित के पाठ्यक्रम के अनुरूप हिन्दी में संख्याएँ, संयुक्ताक्षरों की पहचान, पर्याय और विलोम (स्तरानुकूल), सर्वनाम और लिंग की पहचान, विशेषण का संज्ञा के साथ सुसंगत प्रयोग, वचन का प्रयोग, क्रिया, काल और कारक चिह्नों की पहचान, शब्दों के संदर्भ में लिंग का प्रयोग

गणित

ज्यामिति : आकृतियाँ और स्थानिक समझ, हमारे चारों ओर ठोस पदार्थ;

संख्याएँ : संख्यात्मकता की भावना विकसित करना, गणितीय संक्रियाएँ और गणना, जोड़ और घटाव, गुणा, भाग, मानसिक अंकगणित, भिन्नात्मक संख्याएँ, पैसा, माप, लंबाई, वजन, क्षमता (आयतन), समय, डेटा हैंडलिंग और पैटर्न।

पर्यावरण विज्ञान

परिवार और मित्र, भोजन, आश्रय, पानी, यात्रा, चीज़ें जो हम बनाते और करते हैं।


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